हम अकसर, ये कहते हैं,, वाह! मोदी जी के क्या कहने ? !
वाह ! योगी जी के क्या कहने ? !
वो नेता ऐसा है, वैसा है,, नां जाने क्या क्या हम अपनी टीकाएं, टिप्पणियां देते रहते
हैं,, एक राजनैतिक समीक्षक बन जाते हैं।
सच्चाई ये है कि, मोदी जी, या योगी जी, या अन्य कोई नेता,, इनका अपना कोई वजूद नहीं होता,, इनमें ख्याती भरने वाला,, इनको एक नायक या नेता बनाने वाला,, या इनको खल नायक बनाने वाला , कोई और नहीं होता,,, अगर कोई होता है ,, तो वो होती है, देश की बहुसंख्यक जनता,, जो इनको एक मामूली इंसान से , महानायक या देश का बहुत बडा नेता बना देती है ।
ठीक उसी तरह से , कोई पिक्चर, बौक्स आफिस में तभी हिट होती, जब हजारों की संख्या में, दर्शक उसे पसन्द करते हैं। कोई फिल्म अगर सुविख्यात हो रही है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि उसने हजारों दर्शकों की मन चाही थीम अपनी कहानी में दर्शकों को परोसी है ।
प्रजातन्त्र का सही अर्थ होता है,
जनता का, जनता के द्वारा,, जनता के लीये,, इसलीये प्रजातन्त्र में, व्यक्ति विशेष कुछ भी नहीं,, जो कुछ भी है , वो है, देश की बहुसंख्यक, सम वैचारिक जनता ।
देखा जाय तो , हमारे राष्ट्र में, या अन्य किसी प्रजातान्त्रिक राष्ट्र में, जनता ही, नेता या किसी नेत्री का सृजन करती है,, जैसा जनता चाहती वैसा ही नेता चुना जाता है
एक समय था जब देश की जनता नें, इन्दिरा गांधी जैसी नेत्री को अपने सर पर बैठाया,,, वो भी एक दौर था ' ।
आज का ये दौर है .,, इसी जनता नें, मोदी जी या योगी जी को अपने सर का ताज बनाया है।
ये पब्लिक है,, जनता है,,, सब जानती है ।
राजा ,प्रजा के बिना अधूरा है ' , और प्रजा को भी एक सांकेतिक शाषक चाहीये, जो प्रजा की पृवृत्ती और प्रकृती का साझा संवाहक बन सके ।
हमें ये नहीं भूलना चाहीये कि देश की बर्बादी, या समृद्धि में किसी देश का नेता या नेतृत्व ही ज़िम्मेदार नहीं होता,, उसका असली ज़िम्मेदार वहां की जनता होती है ।
अगर यूक्रेन की जनता , एक जिलैन्स की, जैसे मूर्ख शाषक को देश का राष्ट्रपती नां चुनती तो आज यूक्रेन और वहां की जनता इस कद्र बरबाद या तहस नहस ना होते । ऐसे मूर्ख नेता को चुनकर, वहां की जनता नें भी मूर्खता का ही परिचय दिया है। कहते हैं नां,"" नांदान की दोस्ती जी का जंजाल"" यूक्रेन की जनता नें भी ऐसा ही कुछ किया है ।
और एक हमारा देश हिन्दुस्तान है,, यंहा की जनता का ही कमाल है,,, विश्व में हर जगह त्रासदी है, कलेश है, महायुद्ध है, गृह युद्ध है,, लेकिन हमारा देश, आई पी एल का भरपूर आनन्द ले रहा है ।
हमारे देश की नीति है""" नां काहू से दोस्ती नां काहू से बैर""
क्यों कि हमारे देश की जनता ने, एक ऐसी सरकार को चुना है,, जो इसी नीति को पोषण करती है,, और यही कारण है कि आज पूरा विश्व, हमारे देश के समक्ष हाथ पसारे खड़ा है ।
हमारे देश की जनता नें ही, सुभाष चन्द्र बाबू, गांधी जी, नेहरू जी पटेल साहब,इन्दिरा जी, अटल बिहारी वाजपेयी , मोदी, योगी, अमित शाह,गडकरी जैसे अन्यानेक, पुरोधाओं, नेता नेत्रियों को इस देश को दिया है ।
अतः जनता ही एक प्रजातान्त्रिक देश का सौभाग्य होती है ।