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हम भारत है
हम भारत है भारत में भागीदारी है॥
महफूज रहे ये सबकी ज़िम्मेदारी है
एक ओर हिमालय वीर विराजे
एक ओर समंदर लहराता
एक ओर मरुस्थल रेतीला
एक ओर वनों का है छाता
इतनी सारी........
इतनी सारी तहजीबें है
इतनी सारी.........
इतनी सारी भाषा-बोली
होकर भी जुदा (2)
हर जन की
सबसे यारी है
हम भारत है भारत में भागीदारी है॥
केसरिया कुर्बानी का जो
झंडे में लगा भारत ही है
शांति है जहां पहला मकसद
नील चक्र धरे भारत ही है
इतने सारे......
इतने सारे पहनावे है
इतने सारे......
इतने सारे सुर-गीत यहाँ
हर तबके के (2)
अभिदान से ही
ये देश बना फुलवारी है
हम भारत है भारत में भागीदारी है॥
अग्नि की उड़ान से नभ थर-थर
मंगलयान भुजा मे भर
व्योम की ओर बढ़ाते कदम
नव स्वपन जगाता है हरदम
इतने सारे.......
इतने सारे प्रतिभा के धनी
इतने सारे.......
इतने सारे है बलिदानी
दुश्मन जो अड़े (2)
तो भारत
पड़ता भारी है
हम भारत है भारत में भागीदारी है॥
मौलिक अधिकारो का हो ना हनन
मिलकर करना है सबको जतन
एक से एक मिलकर ग्यारह बन
वसुधैव कुटुंबकम माने ये वतन
हमने चाही.......
हमने चाही सहिष्णुता है
हमने चाही
हमने चाही समता-बंधुता
विद्या का जो (2)
प्रतीक बने
इसमे उनकी होशियारी है
हम भारत है भारत में भागीदारी है॥ 

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