मूल नाम है जिनका अब्दुल हयी
हर रचना इनकी हुई कालजयी
पिता का था जागीरदार, धनी घराना
अलगाव से मां संग पड़ा जीवन चलाना
बचपन बीता वो शहर था लुधियाना
22 की उम्र में हुआ लाहौर आना
अमृता प्रीतम पर फिसला था दिल
नसीब में लिखा था प्रीतम ना मिल
जादूगर है अर्थ इनका नाम जो साहिर
शायरी, गाने लिखने में थे दक्ष, माहिर
पहला कविता संग्रह था "तल्खियां"
इसने किया प्रसिद्ध, मिली ख्यातियाँ
ठंडी हवाएं, लहरा के आएं - पहला हिट गाना
इनके अद्भुत गीतों का अनमोल है खज़ाना
आओ सुनाएं इनकी कुछ हिट कविताएं
'चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं'
जिंदगी भर नही भूलेगी वो बरसात की रात
'हम इंतज़ार करेंगे तेरा कयामत तक' से कही दिल की बात
नज़्म लिखी : ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी, मस्त अंदाज ए बयां है
छू लेने दो नाजुक होठों को, जीवन के सफर में राही
मेरे दिल में आज क्या है ?, गर जंग लाज़मी है तो जंग ही सही
तेरे चेहरे से नज़र नही, जाने क्या तूने कही
ये रात ये चांदनी फिर कहां, ए मेरी जोहरा जबीं
शब्दों के जादूगर का चढ़ता था खुमार
इंकलाब, रोमांस, दर्द गानों में शुमार
रॉयल्टी पाने वाले थे ये पहले गीतकार
अग्रिम पंक्ति के शायरों में साहिर शुमार
मनोज मुंतशिर इन्ही से हैं खासे प्रभावित
तभी तो लिखते हैं बेहतरीन गीत सुपरहिट
"गाता जाए बंजारा" है इनके गीतों का संग्रह
इसे अवश्य पढ़ना मेरा आप से है आग्रह
"परछाइयां" था इनके बंगले का नाम
लेखन , संपादन में किए सर्वोत्कृष्ट काम
किताबों के दीवाने, थे नास्तिक, तुनक मिजाज़
सुपरहिट गीत ही बताएं इनकी सफलता का राज़

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