Source: Pixabay 

नया साल आ चुका है। और कुछ ही दिनों के लिए सही, अपने साथ एक नई उम्मीद और उमंग ला चुका है। हर नए साल का पहला दिन, पहला हफ़्ता या पहला महीना, रेज़ोल्यूशन्स या प्रण लेने में निकलता है। और मुख्य रूप से लोग आशा करते है कि इस साल वो आपका वज़न घटालेंगे या स्वस्थ रहने का तरीका निकाल लेंगे। और हमे ये लगता है कि कुछ दिनों के लिए मीठा या तेल-घी खाना छोड़ देने से या कुछ दिन के लिए जम कर कसरत कर लेने पे हम हमेशा के लिए स्वस्थ बन जाएंगे।

पर क्या ये जादूगरी वाक़ई मुमकिन है?

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कड़ी मेहनत और परहेज़ से वज़न कम कर लेने के कुछ दिनों बाद वो वज़न बढ़ भी जाता है। कभी - कभी जितने किलो आप घटाते है, उससे ज़्यादा बढ़ा लेते है। दरअसल होता ये है कि जब हम ये त्याग को और आगे बढ़ाने की क्षमता खो देते है या किसी कारणवश व्यस्त हो जाते है या यूं कह लेते है के- ये तकरीबन हर किस्म के लज़ीज़ खाने को छोड़ देना या कसरत को एक सज़ा की तरह करना हमे खुशी नही देता और हम वापस पुरानी जीवनशैली पे लौट जाते है। और तब हम वज़न का बढ़ना देखते है।तो इसका मतलब ये है कि कुछ दिनों की मेहनत काफ़ी नही है। पर क्या इसका मतलब ये है के आपको आजीवन अपने पसंदीदा पकवानों से परहेज़ करना पड़ेगा? या रोज़ एक चक्कर जिम का लगाना पड़ेगा? जवाब है "नही"।

आपको शुरुआत करनी है एक ऐसा रास्ता ढूंढ़ने की जो त्याग नही मांगता। हम जानते है कि हमारा वज़न केवल एक दिन गलत या ज़्यादा खाने से नही बढ़ता। ये बहुत लंबे समय तक चली जानी वाली एक गलत जीवनशैली का नतीजा बनके आता है। इसका सीधा मतलब भी ये ही निकलता है के जब वज़न जादुगरी से बढ़ नही पाता तो जादुगरी से घट भी नही पायेगा।

तो खुद को थोड़ा वक्त दें और ऐसी चीजों का चुनाव करे जो एक सीमित समय का त्याग न बने बल्कि आपके साथ आजीवन रहे और आपको हर दिन खुश और स्वस्थ रखें। नए साल में इन बातों को समझें ताकि आपको त्याग करने की ज़रूरत आगे ना पड़े:

  • ये समझलें के अगर वज़न कम करना इतना आसान या किसी जादुगरी से मुमकिन होता तो हर व्यक्ति छरहरा होता।
  • हफ्ते भर मेहनत करके, एक या दो दिन को चीट डे का नाम देने से अच्छा आपका पसंदीदा भोजन जब भी आपको मिले, आप बिना डरे उसे खा लें पर ध्यान रखे कि उसकी मात्रा कम हो।
  • आपके लज़ीज़ पकवान को कम मात्रा में खाना मुमकिन तभी हो सकता है जब आप पूरा दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में अपने शरीर और दिमाग़ को एनर्जी देते रहें।
  • 2 से 3 घंटे से ज़्यादा भूखे न रहें और जब भूख लगे अपने पसंदीदा नट्स या ड्राई फ्रूट्स जैसे के बादाम, अखरोट, खजूर खा लें। (सुबह का नाश्ता या दोपहर या रात का खाना छोड़ ने की आपको बिल्कुल ज़रूरत नही है।)
  • पूरा दिन कुछ न कुछ खाने से हम किसी भी एक समय में हद या ज़रूरत से ज़्यादा नही खा पाएंगे।
  • खूब पानी दिन भर पीते रहें। ताकि आप प्यास को भूख न समझें और आपके चेहरे पे चमक भी बनी रहे।
  • कसरत का अर्थ केवल जिम ना होकर, आपका पसंददीदा खेल या स्पोर्ट, योगा या डांसिंग भी हो सकता है।
  • आप को बस हर दिन अपने लिए 30 मिनट निकालने है और वो करना है जिसमें थोड़ी मेहनत लगे और साथ ही आपको मज़ा आए।
  • सब कुछ एक साथ करने का बोझ न उठाएं और थोड़ा-थोड़ा करके शुरू करें।
  • अगर 30 मिनट ना हो पाएं, तो 10 मिनट से शुरू करें और अगर किसी दिन कुछ ना कर पाये तो निराशा को भटकने मत दे।
  • अगर हफ्ते में 5-6 दिन न कर पाएं तो शुरुआत 2 से 4 दिन तक करने की करें।
  • ध्यान रहें कि वज़न घटने के बाद भी आप वो सारी चीज़ें जारी रखें और इसीलिए ये आवश्यक है कि आप जो चुने वो आसान हो और आपको ख़ुश रखें।

आपको खुद से या किसी और से एक निश्चित समय तक वज़न घटा लेने का प्रण लेने की ज़रूरत नही है। ये कोई प्रतियोगिता नही है।आपका स्वस्थ और ख़ुश रहना ज़रूरी है। बहुत सारे त्याग करके, कम समय में वज़न घटाके, उसका दोबारा बढ़ते हुए देखना और साथ ही साथ अपने स्वास्थ्य में गिरावट देखने के चक्कर से निजात पाएं।

आप सभी को एक "स्वस्थ और ख़ुशहाल नए साल" की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।

.    .    .

Discus