बारिशों के दिन में जब तुम साथ रहती हो,
बहुत खूबसूरत तुम हमको लगती हो।
जब भी तुम आती हो बारिश बन के आती हो,
ह तुम वही हो जो हमसे मुहब्बत करती हो।
मौसम की पहली बारिश में तुम्हारा साथ
माना कुछ खता हमसे हुई तो कुछ तुमसे
अब सब भूलना चाहता हूं
फिर तुम संग जीना चाहता हूं
नए सपने बुनना चाहता हूं
मौसम की पहली बारिश में तुम संग भींगना चाहता हूं
थाम के तेरा हाथ भीगी सड़क पे चलना चाहता हूं
बेफिक्र जो तुझ में खोना चाहता हूं
कभी रूठना कभी मनाना चाहता हूं
जो खो गए है पल खुशियों के
उन्हें तुम संग फिर जीना चाहता हूं।