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प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में उन्नति के शिखर पर पहुंचने का सपना देखता है और उसे पूरा करने का भरसक प्रयास करता है। हर कोई चाहता है कि उसके सपनों अथवा कल्पना के संसार में दिखाई देने वाली वस्तुएं उसके पास हों। मनचाहे वस्त्र, भोजन, घर, वाहन तथा अन्य सुविधाजनक वस्तुओं की इच्छा हम में से अधिकांश व्यक्ति रखते हैं किंतु यह भी एक कड़वा सत्य है कि जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को सब कुछ नहीं मिलता। समाज में जो व्यक्ति अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर आगे बढ़ जाता है, उसे सभी सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। ऐसे लोगों को हम सफल मनुष्य की श्रेणी में रखते हैं लेकिन निरंतर प्रयासों के बाद भी यदि कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता तो समाज उसे असफल मानता है। सार यही है कि इस संसार में सफलता ही व्यक्ति को सम्मान दिलाती है और असफल व्यक्ति को समाज सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता।

ध्यान देने योग्य तथ्य है कि अपने जीवन में कोई भी व्यक्ति असफल नहीं होना चाहता किंतु यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति एक समान रूप से सफल नहीं हो सकता। जीवन में सफल होने के लिए धैर्य, संयम, लगन, कठिन परिश्रम और समय पालन के साथ-साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना और उच्च आशा रखना अत्यंत आवश्यक है। यदि हम बड़ी योजनाएं बनाकर उच्च आशा रखते हुए कार्य करेंगे तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

लुईस कैरोल ने कहा है, "यदि आप नहीं जानते कि आप कहाँ जा रहे हैं, तो कोई भी रास्ता आपको वहाँ ले जाएगा जहाँ आप जाना ही नहीं चाहते थे।" योजना बनाना ही आपको दिशा का बोध कराता है। यह आपको सही दिशा में ले जाता है जिसका आपको अनुसरण करना है। यह आपको विकास की मानसिकता देता है। इसलिए यदि आप बिना किसी उद्देश्य या योजना के किसी गतिविधि में डूब जाते हैं, तो आपको शायद यह पता न हो कि आपका लक्ष्य कब या कहाँ रुका हुआ है।

अपनी परिस्थितियों को सही तरीके से तय करना अच्छा होता है और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका योजना बनाना है। योजना बनाने से आप अपने पास मौजूद सभी विकल्पों को व्यवस्थित कर सकते हैं, उन्हें छाँट सकते हैं और उनका निरीक्षण भी कर सकते हैं।

कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर बहुत बड़ा काम नहीं करना चाहता। हालाँकि, आप बड़े काम की योजना इस तरह बना सकते हैं कि वह छोटे-छोटे कामों जैसा लगे। हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि जब उस बड़े काम को तोड़ दिया जाता है तो वह और अधिक संभव लगता है। योजना बनाना हमारे लिए यही कार्य करता है। यह आपके विशाल लक्ष्य को छोटे-छोटे उद्देश्यों में तोड़ देता है ताकि प्रत्येक छोटे हिस्से को एक के बाद एक हासिल किया जा सके, जब तक कि लक्ष्य हासिल न हो जाए।

योजना बनाने से न केवल उद्देश्य या लक्ष्य स्पष्ट हो जाते हैं, बल्कि वहाँ पहुंचने का मार्ग भी स्पष्ट हो जाता है। अपनी प्रगति पर ध्यान रखने का सबसे अच्छा तरीका एक उचित योजना है। योजना बनाने से आपको यह समझने में पूरी मदद मिलती है कि परियोजना को क्रियान्वित करते समय क्या समस्याएं आ सकती हैं।

जब आप अपने काम की तुलना वास्तविक प्रदर्शन से करते हैं तो योजना आपकी सफलता को बढ़ाने के लिए एक मानदंड का काम करती है। इसके विपरीत यदि आपके पास कोई योजना नहीं है, तो आप ऐसे कार्य पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे जो वास्तव में मायने नहीं रखते, और उम्मीद करते रहेंगे कि जादुई तरीके से सफल हो जाएँगे। लेकिन सफलता जादू से नहीं मिलती, इसके लिए कड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है। और थोड़ी सी अग्रिम योजना के साथ, आप हर काम को शुरू करने के लिए तैयार हो सकते हैं।

बड़ी योजना बनाना आसान है किंतु उसे साकार करना उतना ही कठिन कार्य है। योजना बनाने के पश्चात पूरे मनोयोग के साथ उस पर कार्य करना भी आवश्यक है। कठिन परिश्रम, लगन, धैर्य, संयम और समय पालन जहाँ सफलता के लिए अनिवार्य हैं, वहीं सफलता के प्रति आशान्वित रहना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आपकी आशा बीच में डगमगा गई तो आप कदापि सफल नहीं हो सकेंगे। इसलिए ही हमेशा यह कहा जाता है कि जीवन में यदि आशा है तो हम खोई हुई वस्तुओं को पुनः प्राप्त कर सकते हैं और जीवन की नई शुरुआत भी कर सकते हैं।

आशा एक शक्तिशाली शक्ति है जो आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने, अपने लक्ष्य में सुधार करने और अधिक संतुष्टिदायक जीवन जीने में मदद कर सकती है। स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करके, क्षणिक सफलता में असंतोष रखते हुए तथा परिस्थितिजन्य प्रतिकूलता में स्वयं पर विश्वास करके आप अपने जीवन में आशा की भावना उत्पन्न कर सकते हैं और इसका लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

कोई भी बड़ी योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक हमारे मन में आशा न हो। आशा वह विश्वास है कि आपका भविष्य वर्तमान से बेहतर होगा और आपके पास इसे साकार करने की क्षमता है। इसमें आशावाद और सकारात्मक सोच दोनों शामिल हैं। आशा की यह परिभाषा अमेरिकी मनोवैज्ञानिक चार्ल्स स्नाइडर द्वारा विकसित सकारात्मक मनोविज्ञान अवधारणा "आशा सिद्धांत" पर आधारित है।

मेरियम-वेबस्टर शब्दकोश "आशा" की दो परिभाषाएँ प्रदान करता है। पहली परिभाषा में आशा को इच्छा और साहस या उसके वास्तविक होने के विश्वास के संयोजन के रूप में चित्रित किया गया है। उदाहरण के लिए, बहुत से लोग हर नए साल को बड़ी उम्मीदें रखते हैं और आने वाले महीनों में अपनी इच्छा को वास्तविकता में ढालने के साधन के रूप में लक्ष्य निर्धारित करते हैं।

दूसरी, रहस्यमयी परिभाषा, मान्यता का पर्याय है। उदाहरण के लिए, बार-बार लोग नई नीति या अपने जीवन में बदलाव की उम्मीद करते हैं। जब आशा को क्रिया के रूप में प्रयोग किया जाता है, तो यह किसी भी चीज़ के होने या सच होने की इच्छा बनाए रखने का एक कार्य बन जाता है।

आशा या उम्मीद किसी व्यक्ति के जीवन की घटनाओं और परिस्थितियों के मामले में सकारात्मक परिणामों में विश्वास है। धार्मिक संदर्भ में, इसे एक शारीरिक भावना के रूप में नहीं माना जाता है बल्कि एक आध्यात्मिक अनुग्रह समझा जाता है। आशा, सकारात्मक सोच से भिन्न है, जो निराशावाद को पलटने के लिए मनोविज्ञान में इस्तेमाल होने वाले उपचार या व्यवस्थित प्रक्रिया को दर्शाता है। झूठी आशा, ऐसी आशा को संदर्भित करता है जो पूर्ण रूप से एक कल्पना या एक असंभावित परिणाम के इर्द-गिर्द आधारित हो।

हम आशा को तब पहचानते हैं जब हम इसे अनुभव करते हैं और जब हमें इसकी आवश्यकता होती है, लेकिन इसे परिभाषित करना और वर्णन करना कठिन है। आशा का अर्थ है अपने लिए बेहतर भविष्य की कल्पना करना और उसे प्राप्त करना। आशा एक भावना और विचारधारा दोनों है। हम इसे अपने मस्तिष्क में अनुभव करते हैं लेकिन यह कहीं और से या हमारे बाहर से आती है।

आशावान लोग अपने सामने मौजूद चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे अतीत के बारे में नहीं सोचते या भविष्य के बारे में चिंता नहीं करते, हालाँकि वे अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं। वे इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि अभी क्या हो रहा है। इससे उन्हें सकारात्मक बने रहने और कार्यवाही करने में मदद मिलती है।

किसी भी व्यक्ति के लिए खुशहाली और खुशहाल जीवन के लिए आशा रखना महत्वपूर्ण है। शोध से पता चलता है कि उच्च स्तर की आशा वाले लोग प्रशिक्षक के रूप में बेहतर प्रदर्शन करने की अधिक संभावना रखते हैं। इसी प्रकार विशेषज्ञों को समस्या-समाधान में अधिक परिश्रम करना होता है। इसलिए उनकी आदतें ऐसी होती हैं जो बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का समर्थन करती हैं और उन्हें जीवन में अधिक संतुष्टि का अनुभव होता है। ये लोग बीमारी के दौर से बेहतर तरीके से गुजरते हैं और अपने प्रतिरोध में सक्षम होते हैं।

जब हमारे जीवन में संघर्ष होता है तो कई बार नकारात्मकता हम पर हावी हो जाती है और ऐसे में सक्रिय दृष्टिकोण की अधिक आवश्यकता होती है। ऐसी परिस्थिति में उच्च आशा रखने वाले व्यक्तियों में उद्देश्य और अर्थ की भावना सामान्य व्यक्तियों की तुलना में बेहतर होने के कारण वे अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की अधिक संभावना रखते हैं।

जो लोग उच्च स्तर की आशा रखते हैं, उनमें अवसाद और चिंता का अनुभव होने की संभावना कम होती है। आशा के साथ कई अन्य सकारात्मक प्रभाव जुड़े हैं, जिनमें मनोवैज्ञानिक कल्याण, जीवन संतुष्टि, खुशी और जीवन में अर्थ का उच्च स्तर शामिल है।

जो भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं, वे हमेशा अपने लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बड़ी योजनाएं बनाना स्वाभाविक सी बात है। इन बड़ी योजनाओं को साकार करने के लिए वे दिन-रात एक करते हुए अपने लक्ष्य की प्राप्ति में जुट जाते हैं। भले ही उनके मार्ग में कितनी ही बाधाएं क्यों ना आएं, किंतु वे अपनी लगन, परिश्रम, धैर्य, संयम और समय-पालन के माध्यम से अपने लक्ष्य की प्राप्ति में जुटे रहते हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी वे कभी नहीं घबराते और अपनी सफलता के प्रति उच्च आशान्वित रहते हैं। इस प्रकार बड़ी योजनाएं बनाकर उच्च आशा रखते हुए कार्य करने से एक दिन बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं और इतिहास रचकर सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं।

दूसरी और वे व्यक्ति जो जीवन में सफलता के सपने तो देखते हैं किंतु उन्हें साकार करने के लिए बड़ी योजनाएं बनाने से डरते हैं अथवा छोटे-छोटे लक्ष्यों की ओर ही ध्यान केंद्रित किए रहते हैं,वे कभी भी अधिक सफल नहीं हो पाते। थोड़ी सी असफलता अथवा विपरीत परिस्थितियों उन्हें पथ से विचलित कर देती हैं और वे बड़ी योजनाएं बनाने के बारे में सोच भी नहीं पाते। असफलता का डर उन पर इतना हावी होता है कि वे छोटे लक्ष्यों को ही जीवन का सार मानकर कार्य करते हैं। यहाँ यह भी ध्यान देनी योग्य तथ्य है कि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है और वे अपनी सफलता के प्रति भी उच्च आशा नहीं रख पाते हैं। यही कारण है की वे छोटी सफलता में ही खुश हो जाते हैं अथवा असफल होने पर हार मानकर बैठ जाते हैं।

इस प्रकार स्पष्ट है कि बड़ी योजनाएं बनाकर उच्च आशा रखते रखते हुए कार्य करने से आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। आप किसी भी महान व्यक्ति का उदाहरण उठाकर देख लीजिए, उसने हमेशा बड़ी योजनाएं बनाकर और उच्च आशा रखते हुए अपनी सफलता के लिए प्रयास किए होंगे और यही कारण है कि भले ही उन्हें सफलता प्राप्त करने में कुछ समय लगा किंतु उनकी सफलता ने विश्व में इतिहास रच दिया। विश्व में जितने भी नए आविष्कार, खोजें और अनुसंधान आदि हुए हैं, उन सभी के संदर्भ में यह तथ्य समान रूप से लागू होता है। विश्व के विभिन्न देशों में हुए सफल आंदोलन एवं क्रांतियां भी इसी तथ्य के आधार पर संभव हुईं और उनके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। इसी प्रकार विश्व के जितने भी बड़े-बड़े उद्योगपति हैं, उनकी सफलता में भी बड़ी योजनाएं बनाना और उच्च आशा रखते हुए लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास करना सम्मिलित है। दुनियाभर के विभिन्न देशों ने विकास की बड़ी-बड़ी योजनाओं का खाका खींचकर उच्च आशा के बल पर ही उन योजनाओं को साकार किया और इस प्रकार कार्य करते हुए स्वयं को विकसित देशों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। ऐसे ही अनेक उदाहरण हमें अपने आसपास भी देखने को मिल सकते हैं जो जीवन में बड़ी योजनाएं बनाकर उच्च आशा रखते हुए कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। अंततः हम यह कह सकते हैं कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हम बड़ी योजनाएं बनाएं, उच्च आशा रखें और कार्य करें।

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