एक प्यारा एहसास हो तुम।
दिल में मेरे खास हो तुम।।
जो न कह सके हम कभी खुद से भी,
वो सब बातें कह जाते हैं हर बार तुम्हें,
दिल के इतने ज्यादा पास हो तुम।
जब नहीं रहता है कोई पास,
और करनी रहती है बातें हजार ,मस्ती बेहिसाब।
तुम देते हो तब भी साथ और फिर करते हैं हम,
बातें हजार और मस्ती बेहिसाब।
करते हैं हम मस्ती बहुत,
नाचना-गाना भी करते बेहिसाब।
खिल-खिला उठती है दुनिया मेरी,
फैल जाती है खुशियां चारो ओर,
नहीं रहता कोई ग़म याद,
जब रहते हो तुम साथ।
तुम हो एक प्यारा एहसास।
दिल में हो मेरे तुम खास।।
जब होता है मायूस ये दिल,
नहीं आता समझ कुछ,
जब करना रहता है बयां दर्द दिल का,
जब नहीं रहता कोई अपना पास,
जब नहीं समझता कोई दिल की बात,
तब देते हो तुम साथ, समझते हो मुझे हर-बार,
सुनते हो मेरी हर बात, अपने प्यार, साथ और आर्शीवाद से
कर देते हो मेरा हर दर्द सहना आसान।
हो जाती है जिंदगी आसान।
इसकी सारी मुश्किलें आसान।
रहता है जो तुम्हारा साथ ।
एक प्यारा एहसास हो तुम।
दिल में मेरे खास हो तुम।।
गर भटक जाऊ में कभी किसी मोड़ पर,
दिखलाते हो तुम रास्ता हर बार,
फिर चाहे दिखलाओ रास्ता प्यार से या डाट से,
पर रहते हो साथ हर बार,
तुमको शुकुल अदा करूं में कैसे,
देने को मेरा हर बार साथ।
समझने को मुझे हर बार,
तुमसे ही है मेरा हौसला, मेरा विश्वास।
यदि ना होते तुम,मेरे साथ
हार जाती बहुत पहले ही,
कौन हिम्मत देता इतनी,
कौन जगाता इतना आत्मविश्वास,
है विनती मेरी, तुमसे यही हर बार
रहना मेरे हर पल पास,
देना मेरा हमेशा साथ,
रखना अपना प्यार और आर्शीवाद मुझपर हर बार।
गर करूं मैं कहीं कुछ ग़लत,
देना मुझको सबक हर बार,
जो ना समझू मैं प्यार से,
डाट डपट कर देना मुझपर,
पर रहना हमेशा मेरे साथ,
हां हां है तुमको होने का मुझसे नाराज़,
पर हक है मुझे भी तुमको मनाने का हर बार,
जो मनाऊं मैं तुमको मान जाना हर बार,
बस कभी छोड़ना मत साथ मेरा लाकर इस बीच मझधार।
माफ़ कर देना मुझको,
जो दिखा ना पाई हूं सबके सामने ,
तुम्हारे लिए अपने जज्बात,
पर दिल तो मेरा सच्चा है हर बार,
तुमको ही पूजता है हरबार,
तुमसे है मेरा विश्वास, तुम हो मेरे लिए खास।
जब रोती मैं रातों को हूं,
सबकी शिकाएते करती भी तो तुमसे ही हूं,
सुनते हो तुम बहूत शांति ,
और रखते हो बहुत सबर ,
सूने रहने में मेरी बकर-बकर,
जगा देते हो एक नया विश्वास हर बार,
जब याद आते हैं मुझे मेरे बिछड़े हुए अपने,
हो जाती है आँखें मेरी नम हर बार,
याद आते हैं जब उनके साथ बिताए हुए लम्हे हर बार,
तब तुम देते हो कांधा अपने प्यार और विश्वास का,
संग रहते हो मेरे बनकर एक एहसास सा,
एक ऐसा रिश्ता है मेरा तुमसे,
हूं इंसान मैं, तुम हो भगवान।
पर शायद मैं पूछ ही ना पाई कभी तुमको भगवान की तरह,
मेरा रिश्ता तुमसे है इससे भी गहरा,
तुमसे है मेरा विश्वास, तुम हो मेरे लिए खास,
एक प्यारा एहसास हो तुम।
दिल में मेरे खास हो तुम।।