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ज़रा कमजोर हुआ हूं टूटा नही हूं!!
उदास हूं ऐ ज़िंदगी तुमसे रूठा नही हूं
ये चंद लोग करे कितने भी गवाह पेश मग़र में झूठा नहीं हूं!!
ख़र्च करने के लिए वफ़ा थीं और मुनाफ़े में बेवफ़ाई मिली वापिस जोड ना पाऊ राशि इतना लूटा हुआ नहीं हूं!!
ज़िंदगी से झूठे इश्क़ सा दहेज़ लिया, जितना प्यार मिला सहेज लिया और
झूठी तारीफ लेने में जुटा नही हूंll
बोलने को बहुत बाकी था मग़र सबके लिए कुछ ख़ास नहीं l१l
बयां मैं सब कर गया और महफ़िल में लोग कहते मेरे पास अल्फ़ाज़ नहीं!!

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