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दुनिया चल नहीं, दौड़ रही है|
कदम हमारे रूके हुए है,इंसान की क्या शान है|
अमीरी गरीबी की क्या पहचान है|
जान तो सब की जान है|
क्या तेरा क्या मेरा सब यहां मेहमान है||

तिनका तिनका जोड़ रहे हो|
पल पल सवार रहे हो|
यादों को स्वरुप दे गुजार रहे हो|
ये यथा निर्धारित एक दिन स्वर बस रह जाना है|
यहां सब मेहमान है मेहमान बन सबको एक दिन जाना हैं||

ना कोई कुछ लाया था, ना कोई कुछ लेकर जाएगा|
खाली हाथ आया था इंसान, खाली हाथ ही जाएगा|
तेरा जोड़ा क्या मेरा जोड़ा|
एक दिन सब यहीं रह जाएगा||

कब आए थे किस पल जाना है|
इसका ना कोई हिसाब है|
इंसान बस सुखों में महताब है|
ना जाने किस लम्हें में सब छोड़ जाना है|
माटी का खिलौना एक दिन माटी में मिल जाना है|

स्थान रंजिश क्रोध बस मोह माया का रूप है|
धारण कर इसको ना कुछ पाना है|
चार पंक्तियाँ प्रेम के बोल लो|
शायद फिर इसका भी मोहताज़ हो जाना है|
यह ऋण जिंदगी में कहीं ना कहीं तो चुकाना है||

तेरा मेरा कुछ नहीं समाचार है|
मानना ना मानना ये तेरा विचार है|
विमर्श कर ले कितनों से ही, जीवन ये निराकार है|
एक पल में म्रत्यु को जब निकट आना है|
फिर क्या रहेगा भविष्य का, सब रहस्य बन जाना है||

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