महाभारत में दिखा प्रचंड|
हुए एकत्र मस्तको के झुंड||
दुर्योधन ने मांगी कृष्ण की नारायणी सेना|
अर्जुन ने कृष्ण को ही जानी अपनी सेना||
श्री कृष्ण हास्य होकर बोले अर्जुन से-
हार निश्चित तेरी है,
हर कदम रहेगा उदास,
माखन दुर्योधन ले गया,
बस छाछ बची तेरे पास||
अर्जुन ने प्रेम से कहा-
हे प्रभु जीत निश्चित मेरी है,
दास हो नहीं सकता उदास,
माखन लेकर क्या करूं,
जब माखन चोर हैं मेरे पास||
कोई क्या बिगाड़ पाएगा उसका|
जिसका रथ उसने स्वयं लिया सम्भाल||