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मेरे वतन, मेरे चमन ऐ मेरे प्यारे वतन,
कम न हो तेरे चमक कर रहा मै ऐसा यतन,
सर फरोशी की तमन्ना साथ हो, इतना जतन ,
हाथ हो तिरंगा अपने, कैसे कर सकता पतन ?
तुम ही मेरे दिल की धड़कन,
सबसे प्यारा ये वतन,
फिरंगी- मुगलों से लड़कर,
पाया है सोने का चमन,
खेत- खलिहानों, नदियों-जंगलों से सुशोभित ऐ वतन,
वीर शहीदों की कुर्बानियों से पाया ये वतन !!
सोने की चिड़िया थे कहते,
ज्ञान गंगा का वतन, राम की मर्यादा,
कृष्ण- बुद्ध के उपदेश को है नमन,
गुरु नानक देव, महावीर, बिरसा को है शत् शत् नमन्,
हरि बोल चैतन्य महाप्रभु, मदर टेरेसा को मेरा नमन!!
चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव- राजगुरु से बना प्यारा वतन,
धर्म ग्रंथों से भरा है, सर्व धर्म प्रिय मेरा वतन,
वन्दे मातरम् के सनक से हुआ आजाद ये मेरा वतन,
धर्म के लहरों में बहता, गूंजता बोल बम वतन !!
आओ लेकर हाथों में हाथ, चलो बैद्यनाथ कर प्रयत्न,
भोले शंकर, महादेव, महाकाल से है वतन,
क्रांति के शंखनाद से गूँजता रहा है ये वतन,
तिरंगा लहराओ अब तो झूमता है ये वतन!!
कुछ तो है मिट्टी में मेरे उठ खड़ा है ये वतन,
न सहेंगे दम्भ कोई, न सहेंगे अब दमन , शांति हो,
सद्भाव हो, हो समर्पण सबके मन,
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे गुलशन चमन!!

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