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चुनाव आयोग ने घोषित किया,
बिहार विधानसभा का चुनाव,
नवंबर में होगा दो चरणों में चुनाव,
बड़े दलों की कहें या चढ़ें सभी के भाव,
घोटालों के बाद भी हैं जातिवादी घाव!!

सत्ता को उखाड़ फेंकने का लगा बड़ा है दांव,
जिनका तनिक भी भाव नहीं, दिखा रहे प्रभाव,
पलटू चाचा अब स्थिर हैं, सोच में दुष्प्रभाव,
यादें, चिंतन भूल गए सब, फिर भी गद्दी चाव,
सुशासन की बात है करते, डूबती रहती नाव!!

बिहार में बहार है, आएंगे नीतीशे कुमार,
नारा अब तक यही है जनता का हुंकार,
बजी डुगडुगी चुनावी, देखें कैसे हो बेड़ा पार,
जनता पर नेता टपकाएं मधुर मधु की धार,
चुनाव में छिपकर फिर बंटेगा सोमरस रसदार!!

संविधान में लोकतंत्र का खेल बड़ा मजेदार,
टिकट बंटवारे से जनप्रतिनिधि में हाहाकार,
जय-विजय की खातिर सबके खेमे में टंकार,
गायक, गायिकी को लड़ा रहे हैं कर उनका आभार,
जनता सबकी चाभी है, सुनती है आत्मपुकार!!

जिसने सत्ता का निविदा लिया, अब लाएंगे जनसुराज,
जिसने सत्ता एकीकृत किया, दिखाया सुशासन का राज,
जिसने जनता को राष्ट्रीय बनाया — चारा, रेल घोटालेबाज,
भारत की जनता को निःशुल्क राशन बांटा, देश में उसको ताज,
सबसे बड़ी राष्ट्रीय कांग्रेस को देखो, घुटनों पर है आज!!

समाजवाद अब कहां है, भैया? जातिवाद प्रचार,
विकास-विनाश का अंतर कैसे दिखेंगे उच्च विचार,
जीवनभर की काली कमाई, अद्भुत दुष्ट संचार,
वोट के अधिकार का अवसर — यह बसंती बयार,
अपनी सोच-समझ से गढ़ें लोकप्रिय बिहार सरकार!!

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