आओ मानयें दुनिया में विश्व कविता दिवस,
प्राचीनकाल से सृजक हमारा देश दिवस,
श्लोक,दोहा,संस्कृत कालखण्ड को अर्पित दिवस,
सारे कवि आज हैं, विश्व मे मनाने को पूरा विवश !!
संस्कृत,देवनागरी से दुनिया में कई क्षेत्रीय भाषा में फैली कविता रस,
आदि आर्यावर्त के हर मनुष्य और पक्षी, जंतुओं की बोली में है सरस,
भारत के हर क्षेत्र ,हर युग मे कविता भाव ने मनुज को बनाया समरस,
गर्व हमे है देश दुनिया पर है आज मना रहे हैं खुलकर विश्व कविता दिवस !!
वर्ष 1999 मे युनेस्को ने शुरु किया " विश्व कविता दिवस,
हर छोटे- बड़े कवियों महत्व देता है यह कविता दिवस,
साहित्य, काव्य धरोहर हैं कवि उन्हें सम्मान देता यह दिवस,
हर देश, हर भाषा की कविता को देता है अभिमान विश्व कविता दिवस !!
आओ रचें इतिहास दुनिया मे हलचल मचाये कविता दिवस,
क्यों हो रहे मजबूर कवि, बाँधें शमा 21 मार्च को न हों विवश,
हर कवि की तारीफ, ताली बजे, कवियों का मान हो फैले यश,
कविता के बिन समझो जीवन तमाशबीन, दुनिया होगी नीरस !!
( " काव्य जगत की जय, कवियों की जय, विश्व कविता दिवस की जय जय हो ")