Vijay Vaid Gold Medal winner Asian Junior Wrestling


तुफ़ानों का मुंह मोड़ तू,

मेहनत का पत्थर ऐसा तोड़ तू ,

अपने गम को यूं छोड़ तू ,

तू कर हर मैदान फतेह ।।


गिर कर हर बार ना हार तू ,

शेर की तरह कर वार तू ,

कर हर मैदान फतेह ।।


चिंगारी रख दिल में अपने ,

टूट न पाए कोई एक भी सपने ,

आएगा हर कोई पीठ को थपने,

तू कर हर मैदान फतेह ।।


दूनिया में भरा हुआ ये गम है ,

टैंसन किसको पड़ी ये कम है ,

ठोकेगी सलाम जब तक तुझमें दम है ,

तू कर हर मैदान फतेह ।।


तुझमें खो जाएगी दुनिया ,

पाल तू अपने अंदर ज़ुनूनियां ,

दुश्मन को कर चीत्त तू सुनिया,

क्योंकि

तू कर हर मैदान फतेह ।।


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