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जानते हो, मर रही हूँ मैं
हर दिन हर पल अंदर ही अंदर
लोग ज़िंदगी के बाद मरते हैं
मैं जीते जी मर रही हूँ
क्या खबर हैं तुम्हें
मैं तुम्हारे साथ जीने के लिए मर रही हूँ
कहते हैं आजकल के आशिक़
मोहब्बत खुशनुमा एहसास है
बनाता दुनिया को रंगीन है
जानते नहीं ये लोग कि
जब मिलती नही
मोहब्बत में मोहब्बत
तो वो दर्द मिलता है ,
जो न सहा जाता है
और न कहा जाता है
इनकी बातों में वो दर्द नहीं है,
क्योंकि इन्हें मोहब्बत नही है।
जब नई नई मोहब्बत होती है
नज़रो का मिलना, उनका हमारी तरफ देखना
बहुत अच्छा लगता है,
उन्हें देखने के लिए दिल बेशब्र हो जाता है,
उनके न होने पर बेचैन हो जाता है।
लेकिन जब बात आगे बढ़ती नहीं
दिल भारी हो जाता है,
आँखों के सामने कोहरा छा जाता है।
एक वक्त था जब तुमसे सुकून था
आज वो वक़्त है कि तुमसे बेचैनी है
जब पहली बार तुम्हे देखा था,
खो गई थी मैं तुम्हारी आँखों में,
एक अपनापन था ,ठहराव था वहाँ।
जानते हो तुमसे मिलकर
लगा था कि किनारा मिल गया,
मुझे संभालने वाला मिल गया।
बहुत महफ़ूज़ थी तुम्हारे साथ
बहुत मसरूफ थी जब तुम थे आसपास
जब कभी हमारी नज़रें मिली,
अंदर ही अंदर शर्मा गई ,
तुम्हारे साथ चाहती थी,
तुम्हारा ध्यान चाहती थी
मैं तुम्हे चाहती थी।
लेकिन तुमने मुझे भीड़ का हिस्सा समझा
देखकर अनदेखा किया, सुनकर अनसुना
इतने दर्द दिए कि होठ सिल गए।
आँख भर आई, मैं कुछ न कह पाई।
सुना के किसी को अपना दर्द-ए-दिल,
मैं खुद को खुद से ही आज़ाद करना चाहती थी।
पर टूट गई हूँ इतना कि खुद को समेट नहीं पा रही।
क्या कहूँ ,किससे कहूँ औऱ क्यों कहूँ ?
जब तुमसे दिल लगाया
और तुमसे ही न कह पाई।
हज़ार दफ़ा कोशिश करती हूँ
तुमसे दूर रहने की, तुम्हे भूला देने की।
पर अब जो दर्द है सीने में,
वो भुलाने देता नही,
अनजाने में अनजाने में,
मैं हार गई मोहब्बत में ।
अब तो बस इतना करो तुम,
करो दो किसी से अपने मोहब्बत का इजहार,
और लौट दो मुझे मेरा दिल।
क्योंकि अब तो दर्द ही दवा है,
दिल को मिलता सुकून है,
मोहब्बत से मिले दर्द में।
आखिर में एक बात पूछनी थी
क्या कमी थी मुझमें ?
जो मेरे हिस्से मे दर्द है,
बाकियों के में साथ है, सुकून है,
क्यों उनकी दुनिया रंगीन है,
क्यों उनके सपने में तुम हो,
और मेरे सपनों में काली स्याही है।
क्या इसलिए क्योंकि मुझे ,
आज भी तुमसे ज्यादा प्रिय आत्मसम्मान है ,
जो मुझे प्यार की भीख मांगने देता नहीं।
मोहब्बत के बाजार मे क्यों दिल की कीमत नहीं।
क्यों चाहिए हर किसी को रंग-रूप की रानी।
क्या मेरा सबसे अलग होना,
अपने आप को "ऑरिजिनल" रखना,
ले गया तुम्हे मुझसे दूर
क्योंकि तुम्हें भी चाहिए
बाक़ियों की तरह ,
बनावटी रंग-रूप की रानी,
तुम्हारे साथ सेल्फी लेने वाली।

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