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कविता की कविताई गायब तुलसी की चौपाई गायब
पैकेट वाला दूध मिल रहा जेहसे हुई मलाई गायब
जब से बंद हुए कमरे मा बगिया की पुरवाई गायब
रेडीमेड चलन में आया स्वेटर ऊन सलाई गायब
केहसे आपन पीर बताई शब्दों से बालाई गायब
जूतम पैजारी का जमाना सपनों की तनहाई गायब
सपनों के इस शहर में देखो बुलबुल की हुसकाई गायब
घर में जब जब पड़ी जरूरत भाई और भौजाई गायब
ठिठुर रहे थे ठंड के मारे कंबल और रजाई गायब
बदला दौर जमाना बदला डिस्को वाला समय आ गया
लोग नाचते और बहकते शादी में शहनाई गायब
चार लोग क्या कहेंगे तुमको कोई फर्क नहीं पड़ता है
शर्मो हया किसको कहते हैं आंखों से परछाई गायब
शोर मचा है कैंडल लाओ जन्मदिवस का केक कटेगा
हैलोजन के बल्ब जल रहे माचिस दियासलाई गायब
वृद्ध पिता की स्मृति वाली जिस पर वह बैठा करते थे
घर की टांड पर रखी हुई थी वह टूटी चारपाई गायब
एसी वाले बड़े गजब के हेयर कटिंग सैलून बन गए
काटते हम नाखून नहीं हैं नहनी वाले नाई गायब
लेन-देन सब ऑनलाइन है कुछ भी बेचो कुछ भी खरीदो
हुंडी जाने कहां गुम हुई रुपया आना पाई गायब
है मासूम प्रश्न बच्चे का कौन उसे देगा अब उत्तर
भीड़ लगी रिश्तेदारों की घर की बूढ़ी दाई गायब

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