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नहीं कोई है पढ़ने वाला
जगह अलमारी में भी नहीं है
लगी है दीमक जो खा रही है
बहुत पुरानी किताब हैं हम

गुजर गया जो नहीं आएगा
चाहे जितना प्रयास कर लो
खुशकिस्मती थी छुए थे दिल भी
वही समय का खिताब है हम

नहीं था माली वहां पे कोई
सहेजता जो कलम हमारी
उगे थे चट्टानों के शिखर पर
वही महकते गुलाब हैं हम

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