नागरिकता एक व्यक्ति और देश के बीच के संबंध को दर्शाती है। किसी व्यक्ति विशेष को किसी देश में मिलने वाले अधिकार तथा उत्तरदायित्व नागरिकता के सामाजिक सिद्धांत होते हैं।
भारत में भी नागरिकता प्राप्त करने के कुछ कानूनी तरीके हैं। नागरिकता और इससे जुड़े हुए कानून केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं। भारत में राज्यों को इन विषयों पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए इन पर कानून बनाने का हक केवल केंद्र सरकार के पास है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 5 से अनुच्छेद 11 तक में, नागरिकता के बारे में कानून बनाए गए हैं। अनुच्छेद 5 से 10 नागरिकता की पात्रता को परिभाषित करते हैं। अनुच्छेद 11 नागरिकता के मामलों पर संसद को कानून बनाने का अधिकार देता है।
भारत में 4 ज़रिए हैं जिनके आधार पर नागरिकता प्रदान की जाती है:
पंजीकरण के आधार पर जो व्यक्ति देश की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं उनके लिए नियम कुछ इस प्रकार हैं:
देशीकरण के आधार पर नागरिकता तब मिलती है जब कोई भी व्यक्ति 12 साल तक भारत में रहता है और साथ ही आवेदन देने के 1 साल पहले से भारत में रह रहा हो तो उसे नागरिकता हासिल हो सकती है।
आमतौर पर लोगों को लगता है कि राष्ट्रीयता और नागरिकता का अर्थ एक है लेकिन यह दोनों बिल्कुल अलग हैं।
राष्ट्रीयता एक व्यक्ति की पहचान होती है जो उसे किसी देश से प्राप्त होती है। राष्ट्रीयता व्यक्ति को देश में जन्म लेने के साथ ही मिल जाती है। आईए एक उदाहरण के साथ इसे समझते हैं।
जैसे सोनिया गांधी जो मौजूदा समय में भारत की नागरिक और कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष है। लेकिन उनका जन्म इटली में हुआ था तो मूल रूप से वह इटली की नागरिक हैं। उनकी राष्ट्रीयता इटालियन है।
दूसरी ओर नागरिकता कई कानूनी कार्रवाईयों के बाद प्राप्त होती है इसके लिए किसी भी व्यक्ति को कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है। हर देश की नागरिकता किसी भी व्यक्ति को सरकार द्वारा प्राप्त कराई जाती है। इसमें मताधिकार भी शामिल होता है। इसका एक उदाहरण है अदनान सामी जो मूल रूप से पाकिस्तान के निवासी हैं लेकिन भारत में कुछ कानूनी कार्रवाई के बाद उन्हें भारत की नागरिकता मिल गई है।
भारतीय नागरिकता कानून के तहत भारत में मताधिकार उसी को प्राप्त होता है जिसके पास भारत की नागरिकता हो। यदि कोई भारतीय किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त करता है तो भारतीय कानून के तहत उसकी भारतीय नागरिकता अमान्य हो जाती है। उसे एक निर्धारित समय के अंदर अपने सभी भारतीय दस्तावेज़ सौपने होते हैं। ऐसा न करने पर उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती है।