किसी भी देश, राज्य या समूह की उन्नति में शिक्षा का योगदान महत्वपूर्ण होता है। शिक्षा के बिना उन्नति संभव नहीं है। इसीलिए शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।
इसकी शुरुआत 1966 से हुई थी जब यूनेस्को ने 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया था। इसके पीछे उनका मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रुप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना था। लेकिन यूनेस्को की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक आज लगभग 54 वर्षों के बाद भी विश्व में लगभग 774 मिलियन युवा ऐसे हैं जिनमें बुनियादी साक्षरता कौशल की कमी है।
साक्षरता का अर्थ है पढ़ने और लिखने की क्षमता। यदि कोई व्यक्ति पढ़ सकता है और लिख सकता है तो उसे साक्षर माना जाता है। हर देश में साक्षरता के अलग-अलग मानक हैं। अगर भारत की बात करें तो यदि कोई व्यक्ति पढ़ सके, लिख सके, अपना हस्ताक्षर कर सके अथवा पैसों का हिसाब कर सके तो वह शिक्षित माना जाता है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय(एन.एस.ओ.) द्वारा किए गए (2017-18) सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में (7 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए) साक्षरता दर 77.7% है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर 73.5% तथा नगरीय क्षेत्रों में 87.7% है।
एन.एस.ओ के दौरे (1 जुलाई 2017 से 30 जून 2018) में संपूर्ण भारत में 8097 ग्रामों से 64519 ग्रामीण परिवारों एवं 6188 नागरीय खंडों से 49238 नागरिय परिवारों को प्रतिदर्श के रूप में सर्वेक्षित किया गया था। इस सर्वे के मुताबिक भारत में केरल की साक्षरता दर सभी राज्यों में सबसे अधिक 96.2% है और आंध्र प्रदेश की सबसे कम 66.4% है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक केरल के बाद दिल्ली की साक्षरता दर सबसे अधिक 88.7% है। उसके बाद उत्तराखंड(87.6%), हिमाचल प्रदेश(86.6%) और असम(85.9%) है।
इसी सूची में आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान की साक्षरता दर सबसे कम 69.7% है। उसके बाद बिहार(70.9%), तेलंगाना(72.8%), उत्तर प्रदेश(73%) और मध्य प्रदेश(73.7%) है।
देशभर में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की साक्षरता दर अधिक है। एन.एस.ओ के सर्वेक्षण के मुताबिक देश में महिलाओं की साक्षरता दर 70.3% है तो पुरुषों की साक्षरता दर महिलाओं से 14.4% अधिक 84.7% है।
किसी देश अथवा राज्य की साक्षरता दर वहां के कुल जनसंख्या व शिक्षित जनसंख्या के बीच का अनुपात होता है। इसका मतलब एक देश या राज्य की कुल जनसंख्या में कितनी प्रतिशत जनसंख्या शिक्षित है।
साक्षरता दर प्रतिशत = शिक्षित जनसंख्या / कुल जनसंख्या * 100
इस वक्त कोरोना महामारी के कारण सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व की शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव पड़ा है। यूनेस्को के एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व भर में 91% छात्रों की शिक्षा प्रणाली पर इस महामारी का प्रभाव पड़ा है।
भारत पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा है। पिछड़े इलाकों में जहां ई-लर्निंग की उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं है वहां कई छात्र उन्हें दी जा रही बुनियादी शिक्षा से वंचित हैं। ऐसे में भारत की साक्षरता दर को 100% पहुंचाने का सपना अब सपना ही लग रहा है।
विश्व बैंक समूह कि एक डेटा के मुताबिक वैश्विक औसत साक्षरता दर 86.3% है और भारत की साक्षरता दर 77.3% जो वैश्विक औसत दर से 8.6% कम है।