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भारत एक विकास शील देश या विकसित देश , अक्सर हमे ये बातें सुनने को मिलती है। बढ़ती मंगाई , बेरोजगारी , दिन प्रति दिन बढ़ते अपराध । ये सभी बातें चिंता का विषय बन गई है। भारत का सिस्टम कमजोर  हैै या सिस्टम को कमजोर किया गया है । दिन प्रतिदिन कुछ न कुछ घटनाएं होती रहती है । कहा गया है  :  "कर्म प्रधान्नम विश्व करि राखा , जो जस करहि सो तस फल चाखा" । अर्थात, जो जैसा करता है उसे वैसा फल मिलता है । ये बात आज के युग में कितना सत्य है वह तो मालूम नहीं , लेकिन इतना मालूम जरूर हैै जिसने जैसा किया उसके साथ वैसा हो नहीं रहा। बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार की दुनिया में ईमानदारी भी बिकने लगी है। और जहां भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार हो उस देश का विकास होना तो संभव नही अपितु असंंभव लगता है।  जहां शिक्षा व्यवस्था ही कमजोर हो वहां  उन्नति की बात कैसे की जा सकती है ? सरकारी विद्यालयों में शिक्षको की कमी देखने को मिलेगी जहां एक से पांच तक के बच्चों के लिए एक ही शिक्षक हो , भला ऐसे में देश केेे शिक्षा  व्यवस्था को कैसे ठीक किया जा सकता है। अतः सरकार को शिक्षक की नियुक्तियां के तरफ भी ध्यान देनी चाहिए ताकि हर कक्षा में कम से कम  एक शिक्षक की उपस्थिति हो । हॉस्पिटल तो बनाई जाती है परंतु अग्रिम उपकरण की कमी दिख जाएगी।

इन सबके पीछे भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा योगदान रहा है । 

भला जिस देश में शिक्षा व्यवस्था में भी भ्रष्टाचार हो , उस देश के विकास की गति का बाधित होना तो लाज़िम है ।   

भ्रष्टाचार ही नहीं अपितु देश की जनसंख्या भी बाधित करती है देश केे विकास को । ऐसे अभिभावक जिनके ज्यादा संताने हो और उनके आय का श्रोत कम हो , उनके  बच्चे कई बार जरूरत चीज़ें से वंचित रह जाते है। 

ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जोर दिया जाना चाहिए , ताकि जनसंख्या कम हो और सभी को अच्छे सुविधा मिल सके । वैसे जनसंख्या भी बेरोजगारी का एक बड़ा कारण बन गई है । लोग बेरोजगार होने के कारण अक्सर तरह -तरह के घटना को अंजाम दिया करते है । ज्यादा जनसंख्या होना भी देश के हित मे नहीं होता।  

एक देश विकास तभी कर सकता है जब वहां की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होने के साथ साथ लोगों में बेरोजगारी कम हो । ऐसे लोग होंगे जिनका कुछ न कुछ देश के हित में योगदान होगा । 

जिस देश में ट्रेन जला देने वाली घटना इत्यादि जैसी घटना को अंजाम दिया जा रहा हो , ऐसे में देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचाकर देश को विकसित तो नहीं किया जा सकता? 

 अभी भी बहुत सी ऐसी चीज़ें है जिनमे सरकार को बहुत सुधार करने की आवश्यकता है । जिनमें से प्रमुख है भ्रष्टाचार। 

भ्रष्टाचार की वजह से ही सरकारी कामों को ठीक से नहीं किया जाता और स्थिति वैसी की वैसी   ही रह जाती है ।   

 सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की कोशिश करनी चाहिए । 

लोग जब कम होंगे , समस्या भी कम होंगी । 

सभी को रोजगार मिल पाएंगे । 

वैश्विक भूख सूचांक में भारत का ११६देशों में १०१ स्थान रहा है। जनसंख्या अधिक और भोजन का प्रबंध न होने के कारण लोग भूख मरी का शिकार हो जाते है। सरकार द्वारा तरह-तरह  की स्कीम चलाई जाती है परंतु भ्रष्टाचार के कारण जरुरत मंदो तक नहीं पहुंच पाती । जनसंख्या नियंत्रण कानून आने से जब जनसंख्या कम होगी, हर कोई बेरोजगार न होगा , सभी को अच्छी सुविधा के साथ  सरकार जब  शिक्षा देने में  सक्ष्म हो जाायेगी तब शायद कुछ हद तक अपराध को रोका जा सकता है। क्यूंकि अपराध का बढ़ना , भूख मरी का शिकार हो जाना, बेरोजगारी का बढ़ना हमारे देश की स्थिति को दर्शाता है। ऐसे मे जरूरी है कि लोगो  को अच्छे से अच्छे शिक्षा की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए, ताकि   सबको  समान शिक्षा मिल सके। आज भी सरकारी विद्यालयों की स्थिति ठीक न होने के कारण बहुत बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। अतः सरकार को शिक्षा  व्यवस्था के साथ-साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भारत जनसंख्या वृद्धि की  दृष्टि से नहीं बल्कि विकास की दृष्टि से विश्व में प्रसिद्ध हो।

जय हिन्द ,जय भारत !

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