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घातक शब्द का अर्थ समझने सामाजिक उथल पुथल का दौर है।
हर तरफ दिखावे और झूठी हमर्ददी का शोर है।
अमानवीयता को देखकर बहुत कुछ करना चाहता है।
लेकिन मूकदर्शक बना रह जाता है इंसान।
असंख्य प्रयासों को असफल होता देखकर हताश हो जाता है इंसान।
मन के अंतरद्ब से जूझता रहता है।
पुरुषार्थ करने से घबराता है इंसान।