सह ली सारी आलोचना पर
नजर लक्ष्य पर ही रखा
त्याग,शील और पसीने से
खुद को और सुदृढ़ किया

पथ में अनेक बाधाएं आयीं
हजारों ज्वार- भाटाएं आयीं
सबको हृदय से लगाकर
फिर भी पग स्थीर रखा

नहीं थी यात्रा इतनी सुगम
हर मोड़ पे पड़े इन्हें थपेड़े है
लोगों ने तो 'चोकर्स' का टैग तक दे दिए
फिर भी ये फौलादी योद्धा कहां रुकने वाले थे।

गत वर्ष ट्राफी के बिल्कुल पास पहुंचकर
अपने दिलों में आस संजोकर
जब उसे हासिल न कर पाए
गला सभी का रुंध आया

पुरा मुल्क मायुसी में डूबा
हर गली-मोहल्ले,चौक - चौराहे पर
इसी विषय पर चर्चा होता
भारतीय क्रिकेट का भविष्य क्या होगा

घायल शेर की तरह भारतीय टीम लौटी
हरेक प्रतिद्वंद्वी को निरंतर धूल चटाई
हर जगह तिरंगा सबसे ऊपर फहराकर
भारतवासियों में नई उम्मीद जगाई

मुश्किल समय में 'दिवार' बनकर
द्रविड़ ने टीम की कमान संभाली
रोहित की बेबाक कप्तानी ने
टीम में नई ऊर्जा लाई

फाइनल में जब टीम मुश्किल में थी
तब कोहली ने अपना विराट रुप दिखाया
बुमराह,पंड्या और सूर्यकुमार की तिकड़ी ने
विपक्षी खेमे में कोहराम मचाया

आधी रात को जब हर जगह अंधेरा था
हिन्दुस्तानियों के आंखों में अद्भुत उजाला था
पर था नहीं यहां विजयपथ इतना सहज
हर मोड़ पर त्याग, शील और पसीने का जखीरा था

नीज स्वार्थ को हृदय में दबाकर
टीम को सर्वोपरि रखा
एक - एक ने ग्यारह की भांति लड़कर
बारबाडोस में हिन्दुस्तान का परचम लहराया

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