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दुआओं मे असर हो ऐसा,
लाश खड़ा हो जिंदा जैसा,
ईश द्वार का महिमा कैसा,
जैसा सोचो मिलता वैसा
पहुँचे जब भी मांगने पैसा,
नहीं मिलेगा पैसा -तैसा !!
देनी होगी कठिन परीक्षा,
पूरी करेंगे सबकी इच्छा,
अभीष्ट होंगी सारी शिक्षा,
गुरु से पा लो अन्तिम दीक्षा
अध्यात्म करेगी दूर अशिक्षा,
पाए दान,जो मांगे भिक्षा !!
नहीं करो तुम कभीअपेक्षा,
मन सुंदर हो ,भाव शुभेक्षा,
ईश्वर देते अति कष्ट तितिक्षा,
सफल जीवन का यही समीक्षा !!
मानव देख यह बना अनाड़ी,
टूटते सबके नब्ज और नाड़ी,
जीवन यथार्थ बस रहा अघाड़ी,
मंथन अमृत- विष की हाड़ी,
लक्ष्य भटक बन रहे जुवाड़ी,
हाय तौबा बस रुपया- गाड़ी !!
बेटा- बेटी,साला-साली,बंगला - बाड़ी,
मात- पिता न रहें आँगन- बाड़ी,
बहुरी सबकी बहुत पूजाड़ी,
मन भावत नहीं सास मतारी,
सबके घर नव बहु अवतारी ,
बड़ी हो रही मारा- मारी !!
कहीं सास हैं अत्याचारी,
ससुर मद्य-पान के पालनहारी,
कहीं पतोहू देवी उपकारी,
सास ससुर हो उपवास धारी,
कालि बन बहु रखे ओसारी
सबकी बारी, बारी-बारी !!