जय दुर्गा गौरी माँ,जल्दी अबआ मेरी माँ,
महंगाई बढ़ी तमाम,न तू कर पूर्ण विराम,
निर्धन की नींद हराम, तू ही दे कुछ आराम,
मचा, हाहाकार ,कोहराम तू ही पर है आवाम,
दुनिया में युद्ध हराम, तू कर दे युद्ध विराम,
जा रहे मासुम की जान, बारूद करते बेजान,
आतंकी को भेज मसान, कर पूरे सब अरमान,
तू भेज दे ये फरमान , मिटेंगे आतंक निशान,
दुनिया में बचे इंसान, न रहे आतंकी नाम- निशान,
भारत के विश्व शांति का, दुनिया माने पैगाम,
हम हैं शांति प्रिय आवाम, दुनिया माने मेरी शान,
शक्ति माँ हे दुर्गे, तू बचा ले सबकी जान,
तेरी महिमा बड़ी महान,तुमसे ही सारे भगवान ,
तूने चूर किया राक्षस महिषासुर का
अभिमान,
तुझे देकर बलि और प्राण, जगाते सर्वत्र स्वाभिमान,
हे जननी कृपा निधान, निकाल तू संकट का समाधान !
तू ही जग जगत जननी सर्व शक्तिमान,
हे अम्बे, जगदंबिके तेरे नौ रूप महान,
तू ही है ब्रम्हांड,तुमसे जग की पहचान,
आदिशक्ति तू,महाशक्ति तू ,न है तू अंजान,
तुम्ही शैल पुत्री, तू ब्रम्हचारिणी,तू चंद्र घण्टा, तू कुष्मांडा, स्कंदमाता, तू कात्यायनी, तू काल रात्रि, तू ही महागौरी, तुम्ही सिद्धि दात्री माँ,
चक्र, शंख, धनुष, वाण, भाला, त्रिशूल,
तलवार, ढाल और पाश इनसे तेरे हैं यु्द्ध अभ्यास,
रणचंडी तू, हाथी, मुर्गा ,शेर ( सोमनंदी) सवारी तुम पर है टिकता विश्वास,
खीर, मालपुआ, मीठा हलुआ, केले, नारियल और मिष्ठान तेरे भोग ये खास,
महानवमी मे व्रत करे जो तुमसे पूरी होती आस,
ऊर्जा, शक्ति, प्राण दायिनी ,हे माता तेरा ही है आभास,
मनोकामना पूरी करती, तुम पर है दृढ़ विश्वास,
नारी मे शक्ति संचय की, तुम हो खास म खास,
तेरी महिमा सब जाने, जग में तुमसे ही
आत्मविश्वास,
जागो माता अब तू जागो रोको जगत का यु्द्ध- विनाश,
आओ जगायें, माँ शेरावाली को नवरात्रि मे, जो दुनिया को दे अखंड उल्लास !!