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निश्चितता मे लिया मै प्रतीक्षा आरक्षण,
तीन दिन नहीं,तीस दिन से प्रति रक्षण,
बड़ी उम्मीद और उल्लास में बिता हर क्षण,
यात्रा की तिथि पर पहुँचा मैं रेल स्टेशन,
प्रतीक्षा सूची मे कहीं दिखा नहीं आरक्षण,
न दिल सहमे, न दिमाग बढ़ने लगा मेरा टेंशन,
इतने दिनों से आरक्षण के लिए था मेरा अटेंशन,
ऑन लाईन हड़बड़ी मे यात्रा हुई कैंसिलेशन,
बांट जोहते फिर रहे संबंधी और रीलेशन,
उम्मीदों के झटके से,मिट गया सेटिसफ़ेक्शन ,
माँ- बाप के शव मुखाग्नि को तड़प रहे हैं मन व सन,
प्रतिक्षा सूची नाम की खातिर कैसे मै लेता एक्शन?
रेल विभाग भी पैसा रखकर देता है सात दिनों का टेंशन,
झूठे प्रतिक्षा आरक्षण का देता है आश्वासन,
रेल विभाग ने सोचा, मरीजों का कैसे चलेगा श्वशन?
कितने दुल्हा- दुल्हन का रुक जाते रेशेपशन,
वैसे भी रेल आरक्षण मे फैला अभी है करप्शन,
सरकारी पार्दर्शिता पर मेरा यही रीयेक्शन,
भूल के भी न कराना "ऑन लाइन" रिजर्वेशन,
मरीजों के बंद होंगे और यात्रियों के बढ़ेंगे धड़कन,
कैसे, कब रेल मंत्रालय निकालेगा इसका सोल्युशन,
पूरा भारत झेल रहा है हर दिन ही टेंशन पर टेंशन,
फिर भी रेल कर्मियों को जरूरी है मासिक भत्ता, पेंशन,
यह कैसा है यात्री के लिए सरकार का पर्फेक्शन,
यद्यपि सुधार आया है, रेलवे ने बढ़ाया नए सेक्शन,
लेकिन नई न्युक्ति पर प्रतिबंधित है नोटिफिकेशन,
शाबाशी है रेल विभाग का माल ढुलाई का बनाया लाइन हाई- टेंशन,
रेल की रफ्तार रॉकेट सी बढ़ी, विकसित हो भारत नेशन,
टिकट के आरक्षण ने बंद कर दिया रेल के भीतर यात्री परीक्षण,
सारे स्टेशनों में नहीं होते,काले कोट मे टिकट निरीक्षण,
देश का सबसे बड़ा उद्योग जहाँ सुरक्षा मे भी सस्पिशन,
लेकिन सुधारा है व्यवस्था जो सरकार का है मिशन,
काश, प्रतीक्षा सूची बंद कर, सीधा हो नेविगेशन !
आगे बढ़े रेल, न रहे कहीं टेंशन, हो स्टाफ का मोटिवेशन,
खतम हो प्रतीक्षा, आरक्षण का हो प्रिवेंशन !!