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चन्द्रयान और राखी
चन्दा मामा से प्यारा मेरा मामा,
बोला नन्हा सा कान्हा,
मैं भी जाऊंगा उनसे मिलने,
चन्द्रयान पर सवार होकर,
ना चलेगा कोई बहाना ।

चन्द्रयान से यात्रा कठिन है,
लेकिन हिम्मत वाले को खुद पर यकीन है,
रास्ते की यात्रा ऐसी सुनाई,
बहुत सारे तारे और गैलक्सी है भाई,
स्पीड भी इसकी हजारों किमी हैं,
हर पग पर रिस्क भी अलग अलग है
वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का ही फल है,
आज चांद पर भी लहराता भारत का पंचम है।

तीन दिन बाद पंहुचा कान्हा , मामा के पास,
राखी जो मां ने भेजी थी,
हाथ पर मामा के लग रही थी बहुत खास,
चन्द्रमा बहुत सुंदर है,
इस चन्द्रयान की महिमा भी अप्रतिम है,
सारे विश्व को भारत पर गर्व है,
राखी भी तो भाई बहन के प्रेम का पर्व है।

चन्द्रयान अब चन्दा मामा के पास सुरक्षित है,
वापस कैसे जाऊं,
यह सोचकर कान्हा व्याकुल है,
इतने में पिंकू ने उसकी पीठ थपथपाई,
सपना पूरा हो गया हो तो ,
आज तो उठ जा टाईम से मेरे भाई।

आज राखी है, मचा देते हैं धूम,
चन्द्रयान और चन्दा मामा भी,
गीत गुनगुना रहें हैं, ध्यान से तू सुन।

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