सुदुर रेगिस्तान से पहाड़ की ऊंचाई पर,
ग्रीष्म की उष्णता से बर्फ की वादियां तक।
अपने शौर्य वीरता से दुश्मनो के दिल को दहलाता ,
देश की सुरक्षा करता,हर नौजवान,
अपने घर परिवार से दूर रहकर,
हम सुरक्षित हैं,उन्ही की‌बदौलत,
रह रहे अपने परिवार में घुलमिल कर।
दुश्मन की टेढ़ी नजर देख कर ही,
फुफकारती हिन्द सेना,
अब कोई दुश्मन न लांघ सकेगा हमारी सीमा।
समय बदल गया है,बदल गई है हिन्द सेना।
वाह्य नहीं करेगी अब दुश्मनों को तांडव दिखाएंगी।
दिखा देगी कैसी सशक्त सक्षम‌ हो‌ गई ‌‌‌‌‌‌हि्न्द की सेना।
जय भारत जय भारत को सेना,
नमन करती हूं हिन्द की सेना।

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