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जिंदगी कहती है खुश रहो,
दिल कहता है यादों में रहो,
ना जाने क्यों वो याद आते है,
जो बीते पलो का आईना होते है,
महसूस होते ही आंसू आते है।

आंसू के पीछे छिपा दर्द एक,
ना समझे कोई इसको कभी,
जिंदगी में उलझन बना जाती है,
सपनो को जैसे उदासी देती है,
उदासी में गुम हम हो जाते है।

लाख जमाना कहता है कुछ,
करते अपने दिल दिमाग की है,
फिर भी जमाने की सुन जाते है,
ना जाने सब एक पल के लिए रोकते है,
खुद को सिर्फ दिलासा दे जाते है।

आखिर दिलासा रह जाता है सिर्फ,
खुद को कहने के लिए यही है,
खुशी के अंदर का छिपा दर्द,
नही समझ सकता कोई और,
फिर भी रहना खुश है होता ।

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