Photo by Raju GPK on Unsplash

आज भी कई बार खुद की उम्र से बड़े सपने देखती हु , तब वो सपनो की मंजिल तक पहुंचनेका रास्ता दिखानेकेलिए शुक्रिया
हा आज भी कई बार मुस्कुराना भुल जाती हु, तब Laughing Buddha बनकर, पेट दर्द ना करेतब तक जोर-शोर सेहॅसानेकेलिए शुक्रिया
हा आज भी कई बार अकेलेपन सेगभरा जाती हु, तब firefiles बनकर darkness दुर करनेकेलिए शुक्रिया
हा आज भी कभी जिंदगी केसफर मैठोकर खाकर गिर जाती हुतब मखमली हाथो सेमलहम लगानेके लिए शुक्रिया
हा आज भी कई बार रेगिस्तान की रेत की तरह बिखर जाती हुतब अपनेसीनेसेलगाकर वापस उठ खड़े होकर दौडना सिखानेकेलिए शुक्रिया
हा आज भी कई बार इस competition वाली दुनिया मेहार मान लेती हु, तब हाथ थामकर आखिर तक जीतनेका dedication देनेकेलिए शुक्रिया
हा कई बार दिन कितना भी बुरा क्यो न गया हो, लेकिन घर लौटकर तेरेहाथ की स्वादिष्ठ रसोई खिलाकर खुश कर देनेकेलिए शुक्रिया
और आखिर मै,
हा आज भी कई बार तुमसेगुस्सा -नाराज हो जाती हु, फिर भी अपनी हर मन्नत-ख्वाहिश मेमेरी खुशियो की दुआ करनेकेलिए शुक्रिया 

.    .    .

Discus