मेरी नजर में स्कूल एक पेड़ है।
एक ऐसा पेड़ जिसमें हर साल कुछ नए पत्ते उगते हैं और कुछ पुराने पत्ते वक्त के साथ झड़ जाते हैं।
हर साल इस पेड़ पर एक नई डाली में कुछ छोटी-छोटी पत्तियां आती है जो इस पेड़ को और भी सुंदर कर देती है।
यह नई पत्तियां इस पेड़ को उन पुरानी पत्तियों के झड़ने से होने वाले नुकसान से बचाती है।उन पुरानी पत्तियों को इस पेड़ से हटने की कुछ ज्यादा जल्दी होती है। लेकिन वह झड़ उसी वक्त पाती हैं जब उनका वक्त आता है और जब उनका वक्त आता है तो उनको समझ आता है कि उनकी जिंदगी का जो भी अच्छा वक्त था वो इसी पेड़ के साथ था इस पेड़ से हटने से उनकी जिंदगी कितने मुश्किल हो जाएगी रोज कोई ना कोई एक नई समस्या आकर उनको पैरों तले कुचल जाएगी। क्योंकि अभी तक तो वो उस पेड़ के ऊपर थे उन्हें किसी का डर नहीं था। उन्हें पता ही नहीं था कि इस दुनिया में एक दौड़ चल रही है एक ऐसी दौड़ जहां किसी के गिर जाने पर उसे उठाया नहीं उसे कुचल दिया जाता है।
पेड़ से हटने से पहले इन सारी पत्तियों में एक अच्छी दोस्ती हो जाती है। उनकी दोस्ती इतनी मजबूत होती है कि वो हमेशा एक वादा करते हैं कि हम जहां भी जाएंगे इस पेड़ से हटने के बाद साथ जाएंगे। लेकिन शायद उनको पता ही नहीं की पैड से हटने के बाद एक हवा आती है जो हर पत्ती को अपने साथ अलग अलग जगह छोड़ जाती है। कुछ किस्मत वाली पत्तियां तो साथ रह पाती हूं पर ज्यादातर अलग अलग मंजिल पर नजर आती है।
मुझे यह स्कूल और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की जिंदगी एक पेड़ और उसकी पत्तियों की तरहां नजर आती है।