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मुझे गर्व हैं कि मैं भारत देश की नारी हूँ
एक ऐसी नारी जो हर तरफ से शोषित
अपने अधिकारों से वंचित
वीभत्स पुरुष की शुधा मिटने का माध्यम
एक नपुंसक कानून की व्यथा
छपती हूँ अख़बार मैं बनकर एक खबर
हाय ! मैं हर पाठक की नज़रों में बेचारी हूँ
मुझे गर्व हैं कि मैं भारत देश की नारी हूँ
मैं चाँद पर भी पहुंची एवरेस्ट भी फ़तेह किया
खुश थी मैं महिला दिवस मनाकर मुझे दिया सम्मान
अब क्यों मूक हैं यह देश जब हर गाँव, हर शहर मैं मेरा हो रहा अपमान
अबला से सबला ऐसी बनी
कि आज हर बाप की चिंता और माँ की आँख का पानी हूँ
मुझे गर्व हैं कि मैं भारत देश की नारी हूँ
मुझे इन्साफ के लिए खुद ही लड़ाई लड़नी पड़ती हैं
आत्महत्या के नाम पर इस आज़ाद भारत मैं अपनी क़ुरबानी देनी पड़ती हैं
मुआवजा भी मिल जाता हैं मेरी शहीदी पर
परिवारवाले भी सोचते हैं
चलों जाते-जाते तरस खा गयी हमारी गरीबी पर
संसद मैं चर्चा, पुलिस की रिपोर्ट का परचा
इन नेताओं का चुनावी मुद्दा
आखिर चलती सरकार को गिराने की तैयारी हूँ
मुझे गर्व हैं कि मैं भारत देश की नारी हूँ