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इसमे कोई संदेह नहीं है कि अपने देश भारत की संस्कृति पुरातन और विश्वप्रसिद्ध है। चीनी यात्री फ़ाह्यान, ह्वेनत्सांग या वास्को-द-गामा जिसने भी यहाँ पर कदम रखा वो भारत भूमि से अभिभूत हुए बिना नहीं रह सका। भारत एक युग की धरोहर को नहीं समेटे है बल्कि कितने ही युग की अमर और अचंभित कहानियाँ यहाँ गर्व से सांस लेती हैं । जब ह्वेनत्सांग हर्षवर्धन के समय जब यात्रा करते हुए देवभूमि पहुँचा और गंगा के दर्शन किये और अपने द्वारा रचित आलेखों में हरिद्वार को मोयूली (मयरपुर) नाम से किया । इस घटना को इतना समय बीत चुका है । मगर जब भी इतिहास पढ़ा जाता है तो हमें कहीं न कही रोमांचित करता है । आज की पीढ़ी या यूँ कहिए आने वाली पीढ़ी देश को जानती तो है मगर उसको समझने की जिज्ञासा को जगाना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है । अँधेरे में प्रकाश तो जुगनू भी कर सकते है मगर फ़िर भी हमें बल्ब, टूयूबलाइट बनाने की आवश्यकता महसूस हुई । इसी तरह कुछ ऐसी बातें जो बीत चुकी है और कुछ जो वर्तमान को आलोकित कर रही है । अपने देश में अनगिनित घटनाएं या वस्तुएँ है जो हमें हैरान कर सकती है मगर जिन पर मुश्किल से विश्वास किया जा सके उनका भी अस्तित्व मौजूद है ।

  • सर्वे भवन्तु सुखिनः की उक्ति हमारी कथनी में नहीं हमारी करनी में भी शामिल है तभी तो 10,000 साल से हमने कभी भी किसी देश पर क़ब्ज़ा नहीं किया है । अखंड भारत का सपना देखने वाले चाणक्य ने खंडित भारत को एक सूत्र में पिरोने की बात कहीं थीं । उनका कहना था हमारी एकता ही हमारी ताकत है और हम अपनी शक्ति को दूसरे को बंधक बनाने में व्यर्थ नहीं कर सकते ।
  • भारत विश्व का पहला देश है, जिसने पशु गाय की खरीद-बिक्री पर संसद में बिल पास किया है। यह कदम गोमाता की रक्षा हेतु लिया गया है । क्योंकि लोग आज भी अपने घरों में बन रही पहली रोटी गाय को देते हैं । सड़क पर जा रही गाय की रक्षा के लिए हम हमने गंतव्य में देरी कर सकते हैं।
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  • सोलह शृंगार में सबसे पुराना काजल, अलता और इत्र है । धरती पर दक्ष प्रजापति के जन्म से स्त्रियाँ यह शृंगार कर रही है । एक युग आगे आये तो चोली और पल्लू के नाम हमे तमिल पृष्ठभूमि से मिले हैं ।
  • हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल इसलिए है हमने ध्यानचंद के नेत्तृत्व में ओलंपिक्स में लगातार तीन बार गोल्ड मैडल जीता है । 1920 में ब्रिटैन ने ध्यानचंद के हॉकी में अद्भुत प्रदर्शन को देखते हुए ओलंपिक्स में हॉकी से अपना नाम हटा लिया था । उन्हें डर था कि कहीं हम अपनी गुलाम बनाई हुई कॉलोनी भारत से हार न जाए । वही 1936 में हिटलर ने भारत की जर्मनी पर शानदार जीत हुए उन्हें अपनी आर्मी में जगह कही थीं । मगर ध्यानचंद ने मना कर दिया । प्रधानमंत्रीमोदी जी ने इस साल 2021 में राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलकर ध्यानचंद खेल रतन कर दिया है।
  • दुनिया को शैंपू देना वाला भारत ही है । करोंदे को किसी भी जड़ी बूटी के साथ मिलाकर हम उसे शैम्पू की तरह प्रयोग करते थें । चैम्पो शब्द से ही शैम्पू की उत्पति हुई है।

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  • हमारे देश में जहाँ लोग वोट देने घर से नहीं निकलते वहीं गिरि जंगलों के महांत भारत दास के लिए भारत ने केवल एक पूलिंग बूथ बनाया है। 2004 से वो लगातार वोट डालते आ रहे है । सविधान के प्रति ऐसी निष्ठा ही हमें प्रेरित करती है कि हम विपरीत परिस्थितियों में भी अपने देश का साथ दे सके ।
  • हमारे देश में डाकिये को देवदूत समझा जाता है । अगर यह देवदूत कहीं जलविहार से भी हमारे किसी प्रियजन की चिट्ठी लाए तो हमें उसके आभारी ही रहेंगे । भारत ने अपना पहला तैरना वाला पोस्ट ऑफिस श्रीनगर डल झील पर खोल दिया है । कश्मीर के टूरिज्म और उसकी सुंदरता के प्रति पहले ही लोगों में जिज्ञासा रहती थीं पर अब तो उत्सुकता बढ़ती जा रही है।
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  • स्नैपडील कंपनी जिसका ई-कॉमर्स का व्यवसाय पूरे विश्व को लाभ पहुँचा रहा है। उसने उत्तरप्रदेश के मुज़्ज़फरनगर की पानी की समस्या को दूर करते हुए 15 हैंड पम्प को लगवाया ताकि वहाँ के लोगों को पानी लेने दूर न जाना पड़े । आद्योगिक क्षेत्र द्वारा समाज का इस तरह का उत्थान करना कोई नई बात नहीं है अविश्वसनीय यह है कि आज वो नगर स्नैपडील डॉट कॉम नगर के नाम से जाना जाता है।
  • शंतरज जो सबसे प्राचीन खेल माना जाता है। उसका अविष्कार भी सबसे पहले भारत में हुआ । बाद में वो पर्शिया और फ़िर मुस्लिम समाज ने इसे दक्षिण यूरोप तक पहुँचाया । स्नैक्स और लैडर्स का जन्मदाता भी भारत है । 13वी शताब्दी के संत ज्ञानदेव ने इसका प्रयोग किया था उनका कहना था कि साँप हमारे बुरे कर्मों का परिणाम है । और अच्छे कर्म हमें ऊँचा लेकर जाते हैं । बाद में येह खेल इंग्लैंड से अमेरिका और अन्य देशों में पहुँचा।
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  • हमने कभी नहीं सोचा होगा कि हमारे देश में 24 स्टोरी बिल्डिंग का रेलवे स्टेशन भी बन सकता है। आज नागपुर पहला राज्य बन चुका है, जहाँ यह अविश्वसनीय कार्य संभव हो सका है। 4 ,5 और 6 नंबर के फ्लोर पर मेट्रो चलेगी । उद्घाटन परिवहन मंत्री श्री नितिन गड़करीजी ने किया ।
  • जब सड़क की बात चल रही है तो हम आसमान को कैसे भूल सकते है । देश का पहला रॉकेट इतना छोटा और हल्का था कि उसे आसानी से साइकिल से ले जाया जा सका । केरल के लॉन्चिंग स्टेशन तक वो साइकिल से पहुँचा ।
  • खानपान की संस्कृति बहुत पुरानी है। हम खानपान में मिश्रित संस्कृति का उदहारण पूरी दुनिया में प्रस्तुत करते है। मीठे व्यंजन के बिना हमारा खाना संभव नहीं हो सकता । चीनी हर मिठास की पहचान का जन्मदाता भी भारत है । पुरातन काल से चीनी का प्रयोग किया जा रहा है । गन्ने की खोज से चीनी का बनना और चीनी से कई दवाईयों की ख़ोज करना सचमुच अनुपम और प्रशंसनीय है । जो दुनिया आज प्रयोग में ला रही है उसका स्त्रौत भारत है, यह कहना अत्यंत गर्व की बात है।
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भारत विभिन्ताओ का देश है । कुछ लोग इसे साँप-सपेरों का देश कहकर हास-परिहास करते हैं। मगर कहीं न कहीं उन्हें भी पता है इसी साँप-सपेरों के देश को सोने की चिड़ियाँ कहा जाता है । हमने दुनिया को गिनती दी। चाँद और सूरज की दूरियों के बारे में बताया । सबसे ज़्यादा भाषाएँ हमारे देश में है । संस्कृत के कई शब्द से अंग्रेजी के शब्द बने हैं। कितने ही महानुभवी लोगों ने भारत को अपना गुरु माना है । इतिहास को देखेंगे तो कितना कुछ है जिस पर विश्वास नहीं होगा । वर्तमान में भी कितना कुछ हो रहा है जिस देख चकित हो रहे हैं । सबकुछ मुमकिन है, अगर हिम्मत और सकरात्मकता हमारे हृदय और मस्तिष्क को अभिभूत करती रहे ।

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