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प्रकृति सदैव मानव की सबसे बड़ी चिकित्सक रही है। हजारों वर्षों से इंसान ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग अपने स्वास्थ्य और रोगों के उपचार के लिए किया है। जब आधुनिक दवाइयाँ और अस्पताल उपलब्ध नहीं थे, तब भी धरती ने हमें अपने आँगन से अनेकों उपचार प्रदान किए। इनमें सबसे सामान्य और सरल दिखाई देने वाली घास भी शामिल है, जो बाहरी दृष्टि से मामूली लगती है, लेकिन इसके अंदर छिपे औषधीय गुण असाधारण हैं। सुबह की ओस में चमकती हुई यह घास, खेतों की हरियाली और पशुओं के लिए चारा होने के अलावा, मानव स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो रही है। आधुनिक अनुसंधान यह प्रमाणित कर रहे हैं कि साधारण घास कई गंभीर बीमारियों के उपचार में सहायक है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है।

भारतीय संस्कृति में घास को सदैव पवित्र और उपयोगी माना गया है। दूर्वा घास को भगवान गणेश को अर्पित करने की परंपरा आज भी जारी है। माना जाता है कि दूर्वा शरीर को ठंडक पहुँचाने, पाचन क्रिया को संतुलित करने और मानसिक शांति देने में मदद करती है। ग्रामीण भारत में पुराने समय से ही घास से बने रस और लेप का उपयोग पेट के रोग, घाव भरने और तनाव कम करने में किया जाता रहा है। दादी-नानी की कहानियों में अक्सर यह सुनने को मिलता था कि हल्की चोट या पैर में कांटे लगने पर पास की घास से बने लेप से आराम मिल जाता था। ये अनुभव यह दर्शाते हैं कि प्रकृति के सरल संसाधन भी अद्भुत चिकित्सक हैं और उनका महत्व अनमोल है।

घास की विभिन्न किस्में और उनके औषधीय गुण भी अद्वितीय हैं। उदाहरण स्वरूप, गेहूँ की कोमल पत्तियों से बनने वाला वीटग्रास आज दुनियाभर में स्वास्थ्यवर्धक पेय के रूप में प्रसिद्ध है। इसे पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है, पाचन सुधरता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा, लेमनग्रास (नींबू घास) का तेल सिरदर्द, तनाव और अनिद्रा दूर करने में सहायक माना गया है। दूर्वा घास हृदय और गुर्दे की समस्याओं में राहत प्रदान करती है। तुलसी घास और अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिश्रित रस का सेवन शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करता है और प्राकृतिक रूप से रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।

किसी छोटे गाँव की महिला की कहानी इसके वास्तविक प्रभाव को दर्शाती है। उसे लंबे समय से पेट की समस्या थी और उसने कई दवाइयाँ खा ली थीं, लेकिन लाभ नहीं हुआ। गाँव की एक बूढ़ी दादी ने उसे सुबह-सुबह दूर्वा घास का रस पीने की सलाह दी। कुछ ही हफ्तों में उसके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा और धीरे-धीरे उसकी बीमारी लगभग समाप्त हो गई। इसी प्रकार, एक युवा छात्र जिसने लगातार सिरदर्द और नींद न आने की शिकायत की, उसने लेमनग्रास की चाय और गेहूँ की घास का रस नियमित रूप से लेना शुरू किया। कुछ हफ्तों में उसकी नींद की गुणवत्ता बेहतर हुई और वह पढ़ाई में अधिक फोकस कर सका। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि प्रकृति के सरल उपाय भी अत्यंत प्रभावकारी हो सकते हैं।

आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली, प्रदूषण, मिलावटी भोजन और मानसिक तनाव के कारण अनेक लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं। अस्पतालों की भीड़ और महंगी दवाइयाँ कभी-कभी और परेशानी पैदा कर देती हैं। ऐसे समय में अगर साधारण-सी घास राहत प्रदान कर सकती है, तो यह अद्भुत और सस्ता उपाय बन जाता है। यही कारण है कि बड़े फार्मा उद्योग भी हर्बल मेडिसिन पर शोध कर रहे हैं और घास को औषधि बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं।

घास पर आधारित औषधियों के और लाभ भी देखने को मिलते हैं। सुबह-सुबह हरी घास पर नंगे पैर चलने से आँखों की रोशनी और मानसिक शांति मिलती है। दूर्वा और गेहूँ की घास का रस शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करता है। लेमनग्रास की चाय तनाव कम करके नींद को गहरी बनाती है। कई आयुर्वेदिक संस्थानों में आज घास से बने पैक, क्रीम और जूस का प्रयोग त्वचा रोग, मधुमेह और पाचन समस्याओं में किया जा रहा है। यह स्पष्ट करता है कि साधारण घास न केवल रोगों का इलाज करती है बल्कि जीवनशैली में सुधार लाकर बीमारियों से बचाव भी करती है।

परंपरा और आधुनिक विज्ञान का यह संगम इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि घास सिर्फ खेतों या चारागाह का हिस्सा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का आधार है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में लिखे अनुभव और आधुनिक शोध मिलकर इसे सुरक्षित और प्रभावी दवा बनाते हैं। यदि हम इस दिशा में निरंतर प्रयास करें, तो साधारण घास भविष्य में वैश्विक चिकित्सा जगत में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकती है।

इसलिए अब समय आ गया है कि हम घास को केवल चारागाह या खेत की हरियाली मानकर नज़रअंदाज न करें। इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। यह धरती का अनमोल तोहफ़ा है, जिसे लंबे समय तक हमने नज़रअंदाज किया। जब हम अपने आस-पास उग रही हरियाली और इसके औषधीय महत्व को समझेंगे, तभी हम प्रकृति के आभारी बन पाएंगे। साधारण दिखने वाली यह घास वास्तव में जीवन देने वाली औषधि है, जो याद दिलाती है कि बड़े से बड़ा समाधान कभी-कभी सबसे छोटे और सरल रूप में सामने होता है।

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