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दुआएं जिसकी करते हो वो मिल जाये तो क्या होगा
सुकूं जिसको समझते हो वो आ जाये तो क्या होगा
पुरानी हसरतों का शोर थम जाये तो क्या होगा
नए अरमान जो दिल में मचल जाये तो क्या होगा
दुआएं जिसकी करते हो वो मिल जाये तो क्या होगा
नए फिर ख्वाब होंगे और नई मंज़िल भी तय होंगी
नई उम्मीद होंगी और नई सी ख्वाहिशें होंगी
जो होता आया है पहले सुनो फिर से वही होगा
ख़ुशी फिर भी न हासिल थी सुकूं फिर भी नहीं होगा
ख़त्म एक बाब हो तो फिर नया एक मरहला होगा
दुआएं जिसकी करते हो वो मिल जाये तो क्या होगा
खबर किसको यहां पर है कि अगले पल में क्या होगा
तो इतना सोचना क्यों है कि मेरे साथ क्या होगा
कि अपने हाल की खुद ही फ़िक्र तुम क्यों नहीं करते
जो हासिल है उसी पर ही शुक्र तुम क्यों नहीं करते
यहाँ खुशियों की वजहों को दुखों में ढूँढना होगा
दुआएं जिसकी करते हो वो मिल जाये तो क्या होगा