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जज़्बात समझे लैगून तो, लफ़्ज़ कम पद जाते है,
वोई छुपाने लगून तो, अफ़सुर्दा महसूस होता हे |
इसे गफलत का तशरीह ना समझे,
ये हमारा प्यार का इकरार है ||

जैसे हर खामोशी में चुपी एक आवाज,
वैसे ही हर सुनसान जगह में छुपा एक प्यार का राज़ |
ये खामोशी झेल लेंगे हम,
वो चुपी हुई आवाज भी पहचान लेंगे हम ||

क्यों की वो खामोशी ही हे,
जिस को हम पर भरोसा हे |
ये ऐसा एक जगह हे-
जहां प्यार एक बार दिखाने से उम्र भर गूंजता है ||

यहाँ ना कुछ दिखावा करना पड़ता है, न ही कुछ दिखाना पड़ता है,
ना कुछ समझने की ज़रूरत है, ना ही कुछ कहने की।
ये ही तो है हमारे प्यार की खैरियत,
ये ही तो है तुम्हारी आवाज़ की इनायत ||

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