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तो यह कहानी है उस लड़के की जिसने बहुत मेहनत करके अपने जीवन में कुछ पाया। वह बहुत छोटा था तब वह पहली कक्षा में पढ़ता था। उसने देखा कि विद्यालय में एक लड़की है जो हमेशा प्रथम आती है और उसे सारे अध्यापक बहुत इज्जत देते हैं पढ़ने में वह इतना अच्छा नहीं था परन्तु उसने तभी से ठान लिया कि मैं भी ऐसी कोई उपलब्धि पाऊंगा। उसने पहली कक्षा से ही मेहनत करना शुरू कर दी। दूसरी कक्षा में वह पूरी कक्षा में तीसरे स्थान पर आया। तब भी इतना खुश नहीं हुआ। क्योंकि उसे पूरी कक्षा में प्रथम ही आना था । जब वह चौथी और पांचवी कक्षा में आया तो उसने दूसरा स्थान प्राप्त किया। तब भी वह इतना खुश नही हुआ उसने और मेहनत की । और वह छटवी कक्षा में प्रथम उत्तीर्ण हुआ ।

उसने पूरे छह साल कड़ी मेहनत की और इस उपलब्धि को पाया। वह बहुत खुश हुआ। । उसने बोला काश! इस बार तो मुझे मेहनत का फल मिल ही गया। उसने सोचा की अब वह  हमेशा ऐसी ही मेहनत करके प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होगा पर ऐसा नहीं हो सका। दो साल कोरोना के कारण लॉकडाउन लगे रहने से सारे स्कूल कॉलेज सब बंद हो गए थे। तब उसे पता चला कि उसका स्कूल तो बंद हो चुका है हमेशा के लिए  तब उसने हिंदी माध्यम को छोड़ अंग्रेजी माध्यम में एडमिशन  ले लिया उसने सोचा की छह सात साल इतनी मेहनत के बाद मैंने वह उपलब्धि पति उसका की होगा। तब उसने अपने आप को समझाया की अब मैं इस स्कीम में भी वही इज्जत पाने की कोशिश करूंगा पर भाषा बदल जानें से उसे पढने में बहुत कठिनाईओ का सामना करना पड़ा। एक तो भाषा की दिक्कत और ऊपर से ऑनलाइन क्लासेज से कुछ समझ न आना। 

उसे बहुत मेहनत की और जैसे तैसे करके उसने नौवी में तीसरा स्थान प्राप्त किया। अब उसकी दसवीं आ गई थी। उसने सोचा की इस बार तो मेरा बोर्ड है मुझे बहुत पड़ना और मेहनत करनी पड़ेगी। उसके मैथ्स साइंस और हिंदी और इंग्लिश में तो अच्छे अंक आ जाते थे  पर उसके सोशल साइंस जैसे विषय में बहुत अंक काम आते थे क्योंकि यह विषय उसे समझ में ही आता था क्योंकि इंग्लिश उसकी इतनी अच्छी नहीं थी। लिखने में और समझने में उसे दिक्कत आती थी। उसे ग्यारवी से मैथ्स सब्जेक्ट लेना था और उसे आई आई टी की तैयारी करनी थी।  उसने बहुत मेहनत की और दसवीं में उसने 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किया।  फिर  वह आई आई टी की तैयारी में जुट गया। और उसने प्रथम परीक्षा (जेईई मेन)और द्वितीय परीक्षा (जेईई एडवांस) दोनो को क्वालीफाइड किया। उसका यह सपना तो पूरा हुआ। पर उसका अभी एक और सपना है उसे एक सरकार की तरफ से  पुरस्कार पाना है । मुझे यकीन है कि वह यह पुरस्कार अपने में वह सफल होगा। 

मेरी  कहानी यही खत्म होती है । यह कहानी किसी से भी कॉपी पेस्ट नही है। यह कहानी वास्तव में किसी बच्चे की है । और यह कहानी बच्चो को बहुत प्रोत्साहित करेगी । आगे बड़ने के लिए मजबूर करेगी। जीवन में कठिनाई बहुत आती है उनका डट कर सामना करना चाहिए। ये कहानी  आप को पसंद आए यह मेरी कामना है ।

धन्यवाद ।

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