Image by Gerd Altmann from Pixabay ख्वाब नहीं सब पूरे होंगे,
कुछ आधे तो कुछ बनते ही टूटे होंगे,
कुछ का तो होना भी ना होगा,
कुछ ख्वाबों में अपना घर भी होगा,
कुछ ख्वाबों में ख्वाहिश होगी,
कुछ में हकीकत की भी गुंजायश होगी,
कुछ ख्वाबों का होना होगा,
कुछ का टूट बिखरना होगा,
कुछ की हकीकत मिल जाएगी,
कुछ की कोई खबर नहीं रह जाएगी,
कुछ में खुद से मिल आएंगे,
कुछ को खुद में ना पाएंगे,
कुछ से मिलना बाकी होगा,
कुछ का ख्वाब ही होना काफी होगा,
कुछ ख्वाबों को सच कर जाओ,
कुछ ख्वाबों में सच कह जाओ
कुछ से मुहं मौड कर चल देना
कुछ का हाथ छोड़ निकल देना
कुछ को टूट बिखर जाने दो,
कुछ में खुद को खो जाने दो,
ये ख्वाब तुम्हारे हैं
इन्हें हकीकत कर जाओ
या ख्वाब ही कह कर रह जाने दो,
कुछ ख्वाबों में तुम जी जाओ
कुछ ख्वाबों को तुम जीने दो,
क्योंकि ख्वाब नहीं सब पूरे होंगे,
कुछ आधे तो कुछ बनते ही टूटे होंगे
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