आई विपदा कि अनेकों आंधियां, साहस कदापि नहीं डगमगाया।।
जनजाति समुदाय से रखें ताल्लुकात, उड़िसा नगरी में जन्म जिसने पाया।।
द्रौपदी मुरमू नामक कोहिनूर इक हिरा, सोन चिरैया में आया।।
आओ कराएं हम तुमको परिचित, कलयुग की दुर्गा भवानी से।।
रचित संघर्षपूर्ण जिसका इतिहास, ऐसी ऐतिहासिक कहानी से।।
बनकर भुजाएं भारत मां कि खड़ी, सहती आई कष्ट जवानी से ।
आई शिक्षा ग्रहण करने की बारी, द्रोपदी विद्यालय को जाने लगी।।
पूर्ण कर प्रारंभिक शिक्षा वह, उच्च शिक्षा प्राप्ति चाहने लगी।।
शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् द्रोपति, भार अनेकों उठाने लगी।।
अनेक क्षेत्रों में लिया अनुभव, समान कार्यालय में बन कर्मचारी ।।
बन श्याम चरण मुर्मू की जीवनसंगिनी , पाए दो पुत्र व कन्या इक प्यारी।।
सुख हुआ दुखों में परिवर्तित, हुई घटित दुर्घटना एक बारी ।।
स्वामी संग दो पुत्रों को गवा, टूट बिखर जाए कोई मां ममतामई।।
देते दाग इस नारी शक्ति की, दुखों का विष मुस्कराकर पी गई।।
हौसलों के शस्त्र उठाए वो, जीवन कि रणभूमि में छा गई।।
उम्मीदों के नए पंख लगा, लिया द्रोपति ने दिव्य अवतार।।
थाम राजनैतिक डोर वीरांगना ने, संभाला उड़ीसा मंत्री का कार्यभार।।
मुख्य दायित्व सरकार ने सोंप, बनाया राज्य मंत्री स्वतंत्रा प्रभार।।
तत्पश्चात यह कदम बढ़ाई, अनुसूचित जाति कार्यप्रणाली में ।।
निभा प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व बखुबी, भरने लगी लोकप्रियता प्याली में।।
दे रही थी कामयाबी दस्तक, खिल गए फूल सूखी डाली में।।
भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता में, राष्ट्र हित हेतु बनी कार्यरत।।
विराजी बन राज्यपाल झारखंड में, जन-जन किया हृदय से स्वागत।।
राजनीतिक कमान संभालने हेतु , हुई हांसिल द्रोपदी को महारत।।
अन्य उपलब्धियां झोली में आई, नीलकंठ पुरस्कार जिसमें शामिल।।
विधानसभा द्वारा गई नवाजी, श्रेष्ठ कार्यों ने बनाया काबिल।।
डाल मां भारती के सेवकों में दृष्टि, नाम यह हुआ उम्मीदवारों में दाखिल।।
आया समक्ष महत्वपूर्ण वह क्षण, राष्ट्रपति हेतु जन अन्य नामांकित।।
आया परिणाम, हुई घोषणा, द्रोपदी नाम हो गया सुनिश्चित ।।
धरा वह अंबर करते हैं प्रशंसा, कोयल डाल में गाए गीत।।
अद्भुत प्रतित होती है कहानी, दौपदी मुर्मू नामक नारी शक्ति की।।
अत्यंत संघर्षपूर्ण रही यात्रा, भारतवर्ष के अहम व्यक्ति की ।।
समाजिक सेवा का दिव्य फल पाया, विजय हुई देशभक्ति कि।।
दौपदी मुर्मू नामक दुजि वह महिला, राष्ट्रपति कार्यभार जो संभालेगी।।
नारी शक्ति की बना टोलियां, नव दुर्गा सी चमकेंगी ।।
समस्त सृष्टि में होगा गुणगान, फुल खिलेंगे सतरंगी।।
  

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