Photo by Kyle Gregory Devaras on Unsplash
कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना है
एक दिन कामियाब जरूर होना है।
जब चाहिए मंजिल तुम्हे तो मेहनत से क्यू रोना है।
यूं तो आसान नही मंजिल पर फिर भी कामयाब होना है।
थक कर रुक गया जो मुसाफिर ये वक्त फिर न आयेगा
अपने अधूरे सपनों को देख तू जीते जी मर जाएगा।
आयेगा समझ फिर तुझको वो मेहनत ही आसान थी
फिर मेहनत कर कुछ पाने का दरवाजा भी बंद हो जाएगा
कुछ सालो की मेहनत तुझे जीवन भर सुख दिलाएगा।
सपने अगर तेरे है तो उसे पूरा भी तू ही कर पाएगा।
मेहनत अगर तेरी होगी तो सफलता भी तो तेरी ही है।
वो चार लोगों को तुम्हे देखने का नजरिया बदल जाएगा
पाने को तुमको एक एक आदमी तरस जाएगा।
उन दिनों तुम्हारी बातों की भी कीमत होगी
हिसाब उन रातों उन दिनों की भी होगी।
जो तुमने अपना आज बनाने में लगाए थे ।