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फिर आई तू बे-वक़्त की बारिश
तुझे असुरों का प्रतिशोध कहूँ या
कहूँ रची हुई तू दैव्य की साजिश
फिर आई तू बे-वक़्त की बारिश।

बिना बात देख तुझे डरे जिया
ऋतुओं में तुझ बिन तरसे जिया
हाय! जुलुम ये कैसा तुमने किया
सब लेकर प्राण क्यों छोड़ दिया,
जब देना था तो दिया नहीं
अब किसे बनाने आई वारिश,
दुस्मन की चेतावनी समझूँ या
है किसी दोस्त की सिफारिश
फिर आई तू बे-वक़्त की बारिश।

देख तुझे राजाओं का महका कोना
कृषकों ने खोया उपजा सोना
पंक्षी का न रहा घरोना
पशुओं का भी न बचा ठिकाना,
है किसी ने तुझको भेजा या
सब के सब है तेरी पैदाइश,
बता क्या करने को आई तू
धूलों को धूल चटाने या
मचाने बिन बात की आतिश
फिर आई तू बे-वक़्त की बारिश।

बच्चों का बन्द खेलना कराया
रोजी तूने मजदूरों का खाया
है सब तेरा ही किया कराया,
मिला तुझे क्या ऐसा करके
या तूने क्या इससे कमाया,
तू आई और कल को चली जायेगी
जाते आफत रुके कामों की आयेगी,
तेरी चलती तो होगी कहीं सिफारिश
किससे करेंगे हम अपनी गुजारिश?
निकली ढूँढने किसी काम को या
देदी किसी ने तेरे काज की ख़ारिज,
फिर आई तू बे-वक़्त की बारिश।

जब जब तू जोर जोर आती है
बिन पके ही फसलों को खाती है,
फांसी किसी को चढ़ाती है
या सहला कर ज़हर पिलाती है,
हाय हाय करते है सब पर नहीं
आगे तेरे किसी की चल पाती हैl
माना की तू है बलवान
तुझसा ना कोई है महान,
लेकिन समय समय पर आया कर
प्रभुता अपनी खूब दिखाया कर,
प्यार तुझे फिर हम भी रोज परोसेंगे
संग तेरे बुढ़े भी खेतों को रोपेंगे,
बच्चे आँगन में तुझे बुलाएँगे
सब मिल कर तुझे खूब हसायेंगे।

अब आना तो संग सावन के आना
अब आना तो संग भादो के आना
साथ साथ हरियाली लाना,
लाना दूर मीत की याद ले आना
संग बिछड़े प्रीत को साथ ले आना,
फिर हम भी कहेंगे आई बारिश
देखो देखो आई बारिश
अब आई तू प्यार की बारिश,
अब आई तू वक़्त की बारिश।

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