नारी है, नारी है,
नारी से दुनिया सारी है
जग ने देखी उसकी महिमा
नारी की महिमा न्यारी है।
कभी सारदा बन कर मन को मोहा
कभी लक्ष्मी बन कर जगत संजोया
दुर्गा ने ही की शेरों की सवारी है,
गौर से देखो दुनिया वालों वो नारी है
नारी की महिमा न्यारी है।
माँ बन कर उसने जनम दिया
कभी दादी सा उसने प्यार किया
और बहनों की तो बातें ही प्यारी हैं,
गौर से देखो दुनिया वालों वो नारी है
नारी की महिमा न्यारी है।
दोस्त बन कर दिया सहारा
कभी गुरुओं सा उसने ज्ञान दिया
और पत्नी की क्या बात करें
पत्नी तो खुद ही सुख हमारी है,
गौर से देखो दुनिया वालों वो नारी है
नारी की महिमा न्यारी है।
तुम जन्म उसी से पाते हो
फिर जाने क्यों उसको टुकराते हो
तुमने दर्द भी देखा है उसका
फिर क्यों मर्म देने से कतराते हो,
तुमको लगता है की वो अबला है
गौर से देखो उसको
क्या क्या उसने झेला है।
दहेज से लेकर
बलात्कार तक,
बलात्कार से फांसी तक उसके
जीवन में ये सब रोज का मेला है।
जितना उसने त्याग किया
तुम स्वप्न में भी ना कर पाओगे,
है इतनी शक्ति उसमें
मिल जाए तुमको तो तुम
यूँही भस्म हो जाओगे।
कमजोर नहीं समझना उसको
अब सबसे आगे नारी है
सारे जग की वही एक दुलारी है,
नारी माँ हमारी है
नारी माँ तुम्हारी है,
नारी से ये दुनिया सारी है
जग ने देखी उसकी महिमा
नारी की महिमा न्यारी है।