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अपने -
अपने दो तरह के होते है:
- जन्म के साथ (परिवार)
- जन्म के बाद
- परिवार - जिनसे हमारा खून का रिश्ता होता है, जैसे माता पिता एवं भाई बहन,पति पत्नी, नाती नतिनी,दादा दादी।
- जन्म के बाद - जन्म के बाद वो अपने होते है जिन्हे हम अपना समझते है और बनाते है। जैसे दोस्त,प्रेमिका,गुरु,शिष्य इत्यादि।
अपनों- अपनों से हमारा समाज बनता है। जैसे रिश्तेदार ,पड़ोसी इत्यादि।
जन्म के बाद जो अपने बनते है, वो अपनों में से ही चुने जाते है।
अपनों में से अपने की परख:
- जो विश्वास कभी नही तोड़ते है , जो विश्वासी होते है।
- जो कभी सच नही छुपाते।
- जो आपके साथ हर परिस्थिति में हमेशा आपके साथ रहने पसंद करते है।
अपनों के साथ क्या कर एवं क्या न करे:
- अपनों के साथ कभी व्यापार नही करना चाहिए।
- अपनों को समस्या में मदद करनी चाहिए, न की उनके समस्यायों का हल करना चाहिए।
- अपनों से कभी वादे नही करने चाहिए।
- अपनों के साथ कभी चीज/उत्पाद/समान का बेच खरीद कभी नही करना चाहिए।
- अपनों के साथ राजनैतिक संबंध रखना चाहिए।
अपने के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए एवं कैसा नही करना चाहिए:
- हमेशा अपने के साथ व्यापार करे।
- अपने के साथ राजनैतिक व्यवहार कभी न करे, एवं हमेसा बराबर की भावना रखना चाहिए।
- अपने के दुख/मुसीबत/समस्या को हमेशा उनके साथ मिलकर सुलझाना चाहिए, उनकी मदद करने की कोशिश नही करनी चाहिए।
- अपने के साथ वादे करने चाहिए एवं उसे निभाने की पूर्ण कोशिश करनी चाहिए।
- बेच/ खरीद जीवन अपने के साथ करना चाहिए।
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