Source: indiandefencereview.com

भारतीय संविधान में तीन सूचियां निर्धारित की गई है जिनमे प्रत्येक कार्य और वर्ग को सूचियों में बाटा गया है।। भारतीय कानून व्यवस्था में पुलिस व्यवस्था को अग्रणी माना गया है. देश में कानून का पालन करने और देश की एकता की व्यवस्था को बनाए रखने का कार्य पुलिस बल को सौंपा गया है।। भारत के प्रत्येक राज्य में पुलिस बल की स्थापना की गई है. राज्यो में प्रत्येक जिलों, तहसीलों, और गांवो में पुलिस थाने और पुलिस चौकियां बनाई गई जिनके आधार पर पुलिस बल जगह-जगह रहकर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख सके।।

देश के पुलिस प्रणाली की ज़िम्मेदारी होती है कि वो देश में हो रहे अपराधों को ना होने दे, और अपराधियों को दण्ड दिला सके. देश में अपराध अत्यधिक बढ़ रहे है. प्रत्येक राज्य के आंकड़े लगाए तो माना जाता है कि देश में 35% आंकड़े अपराध के माने जाते है. पुलिस सुरक्षा बल का अर्थ अंदरूनी रूप से नागरिकों की रक्षा करना।। देश में चोरी, डकैती, छेड़छाड़, बलात्कार, मर्डर, भ्रष्टाचार, और आपसी रंजिश में अपराधिक आंकड़े बढ़ रहे है और अपराधिक गतिविधियां बढ़ रही है।।

कानून व्यवस्था ने अपराधों को रोकने के लिए पुलिस बल को अलग अलग भागो में बाटा गया है. जिनमे खुफिया पुलिस (CID) छानबीन करने वाली पुलिस (CBI) आदि का समावेश है. देश की कानून व्यवस्था को संभालने का काम पुलिस के हाथ ही होता है। अपराधिक गतिविधियों को रोकने, अपराधियों को पकड़ने, अपराधियों के द्वारा किये जाने वाले अपराधों की खोजबीन करने, देश की आंतरिक संपति की रक्षा करने और जो अपराधी हैं और उनका अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य जुटाना ही पुलिस का कार्य है। अपराधी घोषित करने के बाद पुलिस संबन्धित व्यक्ति को अदालत को सौंपती है। उसके बाद अदालत और कानून की ज़िम्मेदारी है कि अपराधी व्यक्ति को क्या दण्ड दे।

अलग-अलग देशों की पुलिस के पास अलग प्रकार की कानूनी धारायें है और प्रत्येक धारायें अलग अलग दण्ड घोषित करती है। अंतर राज्य पुलिस का अर्थ है एक देश की पुलिस सुरक्षा बल परंतु अलग - अलग राज्य की पुलिस बल अंतर राज्य होती है ऐसे तो पुलिस अपने राज्य में भागीदारी खुद करती है परन्तु किसी अन्य राज्य का अपराधी उस राज्य में आता है या कोई कारणवश दुर्धटना घटित होती है तो अंतर राज्य पुलिस एक दूसरे का सहयोग करती है. हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए जिनमें अंतर राज्य पुलिस ने एक दूसरे का सहयोग किया, अपराधिक कार्यों और देश से जुड़ी सुरक्षा ओर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को अन्य राज्य की पुलिस से सहयोग लेना पड़ता है. आतंकवाद, और अपराधिक जैसे मामलों में जिससे उनके द्वारा आस पास के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही हो, ऐसे मामलों में राज्य पुलिस अन्य राज्य की पुलिस ने हस्तक्षेप कर सकती है और पूरा सहयोग ले ओर दे सकती है इसके विरुद्ध कार्यवाही नहीं हो सकती है।।

पुलिस सुरक्षा बल के सहयोग मुद्दे अनेक है हाल ही में हुए एक अपराधिक मामले में एक राज्य की पुलिस ने दूसरे पुलिस का सहयोग दिया. उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े गैंगस्टर विकास दुबे पुलिसकर्मियो की निर्मम हत्या और मर्डर करके फरार हो गया था और मध्य प्रदेश राज्य में छुप गया. इसकी जानकारी उत्तरप्रदेश पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस को दी, इस वजह से उत्तरप्रदेश की पुलिस ने मध्य प्रदेश की पुलिस बल के सहयोग से गैंगस्टर को पकड़ कर राज्य पुलिस के हवाले कर दिया था और अपने राज्य में लाने के बाद उसका एनकाऊंटर कर दिया।।

और ऐसे अनेक राजनीतिक मुद्दे होते है जहां पुलिस एक दूसरे के राज्य का सहयोग देती है।। ऐसा ही एक राजनीतिक मुद्दा बंगाल में भ्रष्टाचार के दौरान जब सेन्ट्रल ब्यूरू इन्वेस्टिेकेसन (CBI) पुलिस जब छानबीन करने पहुंचीं तो वहां बंगाल की पुलिस ने रोकने की कोशिश की.

जहां राज्य पुलिस सहयोग देने में कतई नहीं कतराती. वहा सहयोग देने में पुलिस सुरक्षा बल को अनेकों चुनौतियां होती है इस वजह से उनको काफी डांट फटकार और दोषा रोपण किए जाते है. हाल ही में राजस्थान में राजनीतिक पार्टी के टूटने पर राजस्थान पुलिस ने हरियाणा सीमा पहुंचकर नेताओ को वापिस लाने की ठानी. परन्तु हरियाणा पुलिस ने राजस्थान पुलिस को उसी सीमा पर रोक दिया और अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया. क्यों की मामला एक राज्य का हो तो दूसरे राज्य की पुलिस को हस्तक्षेप नहीं करने देती.

ऐसा ही मुद्दा हाल ही में चल रहा है. बॉलीवुड के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मर्डर केस के दौरान बिहार पुलिस मुबंई जाकर अपनी तहकीकात पूरी करती है परन्तु मुंबई पुलिस उन्हें रोक देती है क्यों की बिहार पुलिस मुंबई पुलिस के मामले में हस्तक्षेप कर रही थी. इसी तरह पुलिस जितने सहयोग दे सकती है उसके साथ ही चुनौतियां भी बहुत है, पुलिस सुरक्षा बल अगर किसी राज्य के अपराधी का एनकाऊंटर कर देती है तो इस मामले में सियासत पैदा हो जाती है और उस एनकाऊंटर पर हजारों सवाल पैदा हो जाते है.

और पुलिस के सामने एक से बढ़ कर एक चुनौतियां आने लगती है।। पुलिस चाहे अंतर राज्य की हो या राज्य की उनके सामने चुनौतियां हमेशा रहती है. हैदराबाद में हुए एक बलात्कार में आरोपी के भागते हुए पुलिस ने आरोपियों का एनकाऊंटर कर दिया. एनकाऊंटर हुआ अच्छी बात है परन्तु इसमें कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे. पुलिस की चुनौतियां हमेशा उनकी परेशानी बन कर खड़ी रहती है, क्युकी देश में धर्म, जाति, भाषा को लेकर समय समय पर नई हिंसा बढ़ती जाती है, नक्सलवाद, जातिवाद, और आतंकवाद को बढ़ाने के लिए हिंसा फैलाई जाती है, परन्तु पुलिस सुरक्षा बल की जिम्मेदारी होती है वह अहिंसा के मार्ग पर चले फिर भी आनन फानन में विपद्रियो पर लाठी चार्ज, काली मिर्च स्पे, अश्रु गैस के गोले, पानी की बौछार और अंत में बंदूके चलानी पड़ती है, जब किसी अपराधी को पकड़ने की कोशिश करते है तो उनके सामने चुनौती होती है उस अपराधी को जिंदा गिरफ्तार करे, लेकिन वह आस पास या मासूम लोगो की जान लेने की कोशिश करता है तो उसका एनकाऊंटर कर दिया जाता है, पुलिस के सामने हमेशा दो मार्ग होते है, या तो वो अपराधी को जिंदा पकड़े, और अगर अपराधी ने उनको गोली मार दी तो वो देश की रक्षा करते करते शहीद हो जाए।।

देखा जाता है कि पुलिस व्यवस्था पर हमेशा दोषारोपण किया जाता है कि वह अपना कार्य सुव्यवस्थित ढंग से नहीं कर रही, वह अपराध होने के बाद पहुंचती है, ना दोषियों को पकड़ पाती है और ना पीड़ितो को न्याय दिला पाती है।।

यह कानून व्यवस्था पर कलंक की तरह साबित होता रहा है कि पुलिस प्रशाशन प्रणाली में अनेक दोष है, इन दोषों को दूर करने के लिए प्रथमत जनता को विश्वास दिलाना होगा कि वो तत्पर उनकी रक्षा के लिए खड़ी है.

जनता हमेशा भड़काऊ भाषण या टिपण्णी देकर हिंसा फैलाने की कोशिश करती है, पुलिस को उनपर प्रहार करने से पहले उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए।।

अंतर राज्य की पुलिस से अच्छे संबंध रखने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे सहयोग लेने और देने में कतराने की जरूरत ना पड़े, अंतर राज्य पुलिस से अच्छे सम्बन्ध बनाने के लिए उनको जागरूक रखे, अंतर राज्य पुलिस किसी भी कार्यवाही या मामले में हस्तक्षेप नहीं करने देती. परन्तु राज्य पुलिस एक दूसरे से सम्बन्ध अच्छे बनाएगी तो उन मामलों का सुझाव लेने की कोशिश करेंगी और एक दूसरे राज्य की पुलिस सुरक्षा बल मामलों में भागीदारी देगी तो अपराध के आंकड़े कम होते रहेगे. और पुलिस प्रणाली भी एक दम स्वच्छ और साफ नजर आएगी।

पुलिस सुरक्षा बल चुनौतियों का सामना ना करे, बल्कि वह एक चुनौती बने और देश के लिए और अपराधियों के लिए ताकि वह अपने राज्य और अंतर राज्य से संबंध और अपराधिक मामलों में डटकर खड़ी रहे और हमेशा सत्य के मार्ग पर चलकर अपनी कार्यवाही करे ,क्युकी सत्य हमेशा विजय होता है ।

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