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बहनों के जीवन में देखो, कैसी सुख की घडी आ गई,
अप्रत्याशित उन के जीवन में, नई निराली ईद आ गई,
मुस्लिम बहनें, मोदी भाई से, तोहफा ये नायाब पा गईं ।
तीन तलाक़, हलाला वाली, ज़ुल्मों की दीवार ढा गई !
मुस्लिम बहनों को भाई की, ये सौगात बहुत भा गई !!
हम बहनों की रक्षा करने का, सदां फर्ज निभाते भाई,
चाहे बाहर के दुश्मन हों, या फिर पति हों आतातायी,
राखी के बदले हर बहना, तलाक़ सुरक्षा कवच पा गई।
तीन तलाक़, हलाला वाली, ज़ुल्मों की दीवार ढा गई!
अब न रहमोकरम पति का, न डर तलाक़परक दुर्गति का,
अच्छे दिनों की शुरुवात हुई, मार्ग खुला परिवार प्रगति का,
हर महिला पारिवारिक सुख का, कानूनी अधिकार पा गई।
तीन तलाक़, हलाला वाली, ज़ुल्मों की दीवार ढा गई!
अच्छाई का शुभारम्भ है, खुशियां ही खुशियां छायेंगी,
कोई, कैसी भी कुरीति हों, बात विगत की हो जायेंगीं,
अपने, बच्चों के भविष्य की, एक सुरक्षित राह पा गई।
तीन तलाक़, हलाला वाली, ज़ुल्मों की दीवार ढा गई!
'’जाति, धर्म से परे समानता,’' संविधान में सब का हक है,
पर तलाक के घोर समर्थक, स्वीकार करेंगे, इसका शक है,
लगता मौज मस्तियों इनकी, यह कानूनी जंग खा गई।
तीन तलाक़, हलाला वाली, ज़ुल्मों की दीवार ढा गई!
मुस्लिम बहनों को भाई की, ये सौगात बहुत भा गई!!