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धुआँ ही धुआँ है हर तरफ
हर सक्श किसी धुए के पीछे छुपा है
उम्मीदों की गीली लकड़ियों का धुआँ
नाउम्मीदी के सूखे पत्तो का धुआँ
लावारिश अस्थिओं से उठता लाचारी का धुआँ
हवस का शिकार हुए लाश से उठता धुआँ
टूटे हुए विश्वाश से उठता धुआँ
हताशा के घेराव से निकलता धुआँ
धुआँ ही धुआँ है हर तरफ
हर सक्श किसी धुए के पीछे छुपा है
किसी की जीत का धुआँ
किसी की हार का धुआँ
उम्मीद का धुआँ
दुआओ का धुआँ
हर तरफ छाया हुए यह कोहरा नहीं
कुछ तेरा धुआँ कुछ मेरा धुआँ
बस धुआँ ही धुआँ
धुआँ ही धुआँ

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