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दोस्ती
कभी कोई बात सताये
या यूँ ही कभी तुम्हारा मन कर जाए
तो वो बातें किसी किसी को सुनाई जाएँ
कभी मुस्कुराहट खो जाए
या कोई काम बिगड़ जाए
तो बस वही नाम याद
कभी किसी खुशी में फूले ना समाये
या बस मटरगश्ती मन को भाए
तो बस उसी के साथ की याद आए
वो जो नौटंकी कर तुम्हें हँसाये
और कभी तुम्हारी परेशानी पर एक लतीफ़ा सुनाए
वो ही तो एक दिल, इस दिल को भाए
वो जिस से तुम महिनो ना मिल पाओ
मगर ना बात कर भी वो समझ जाए
बस वो ही तो मेरा यार कहलाए

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