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ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नई तरह के स्‍ट्रेन पाये जाने की पुष्टि होने के बाद से दुनिया भर के लोग पैनिक हो रहे हैं. पहले से ही पूरा विश्व कोविड-19 की दुश्वारियों से जुझ रहा हैं. साल 2020 में कोरोना वायरस से अब तक पूरे विश्व मे साढ़े 7 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और साढ़े 16 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं. वहीं भारत मे अब तक कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा है और 1 लाख 45 हज़ार से ज्यादा लोग इस संक्रमण से अपनी जान गवां चुके हैं. ऐसे में नए तरह के स्ट्रेन से लोगों में हड़कंप मच गया हैं. कोरोना का यह नया स्‍ट्रेन न केवल ब्रिटेन बल्कि इटली, नीदरलैंड, डेनमार्क, ऑ‍स्‍ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भी फैल गया है.

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अभी तक ब्रिटेन को झकझोर कर रख देने वाला स्ट्रेन भारत में नहीं आया है. साथ ही इस पर भी गौर करना होगा कि ब्रिटेन में बढ़ते हुए कोरोना के मामलों की असली वजह क्या सच में वायरस का नया स्ट्रेन है या फिर कुछ! इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है. ब्रिटेन में पाये गये कोरोना के नये स्ट्रेन पर दिल्ली के एम्स में कोविड सेन्टर के हेड डॉ राजेश मल्होत्रा के मुताबिक जब से कोरोना वायरस आया है तब से चार हजार बार म्यूटेट कर चुका है.

क्या होता है म्यूटेशन?

विज्ञान की भाषा में जब किसी जीन के डीऐनए में कोई स्थाई परिवर्तन होता है तो उसे म्यूटेशन कहा जाता है. जीन डी एन ए के न्यूक्लियोटाइडओं का ऐसा अनुक्रम है, जिसमें मौजूद कूटबद्ध सूचनाओं से प्रोटीन के संश्लेषण का कार्य पूरा होता है. क्रोमोसोम पर स्थित डी.एन.ए. (D.N.A.) की बनी अति सूक्ष्म रचनाएं जो अनुवांशिक लक्षणें का धारण एंव एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरण करती हैं, उन्हें जीन कहते हैं. यह अनुवांशिकता के बुनियादी और कार्यक्षम घटक होते हैं.

वायरस में म्यूटेशन

किसी भी वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है. ज्यादातर वेरिएंट खुद ही म्यूटेट होने के बाद मर जाते हैं, लेकिन कभी-कभी वायरस म्यूटेट होने के बाद पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक होकर सामने आता है. ये प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि वैज्ञानिकों को भी समझने और रिसर्च करने में समय लगता है और तब तक वायरस एक बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले चुका होता है. जैसा कि ब्रिटेन समेत कई देशों में दिख रहा है.

ब्रिटेन में लगा लॉकडाउन

इससे पहले पीएम जॉनसन ने श्रेणी-4 के सख्त प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन सामने आया है, जो पूर्व के वायरस के मुकाबले 70 फीसदी अधिक तेजी से फैलता है. यूके में रविवार से सख्त लॉकडाउन लागू किया गया है. गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें भी बंद हैं.

वहीं महामारी के इस भयावह रूप को देखते हुए दुनियाभर के तमाम देश अलर्ट हो गए हैं. कुछ ने इंग्लैंड से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. इसे देखते हुए भारत में भी एक आपात बैठक हुई, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पर सरकार पूरी तरह से अलर्ट है और इसे लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि नए तरह का कोरोना वारस कैसे आया, इसे लेकर भी हम नजर बनाए हुए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश के लोगों को इससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है. ऐसी कोई इमरजेंसी की सिथति नहीं है, जिससे डर बढ़े. हालांकि हमारे देश के वैज्ञानिक इस कोरोना के नए स्ट्रेन के डेवलपमेंट पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने इस मसले पर आज आपात बैठक बुलाई थी.

भारत ने लगाई यूके की फ्लाइट्स के आवा-जाही पर रोक

भारत सरकार को ये चिंता सता रही है कि अगर यह वायरस देश में आया तो बहुत तेजी से कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं. इससे पहले ब्रिटेन की सरकार द्वारा नए तरह के कोरोना वायरस पर अलर्ट जारी करने के बाद यूरोप के कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. इस स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने ब्रिटेन से भारत आने वाली सभी उड़ानों पर रोक लगाने का फैसला किया है. यह रोक 31 दिसंबर 2020 तक लागू रहेगी. भारत के नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि फ्लाइट्स पर रोक 22 दिसंबर रात 23.59 बजे से प्रभावी होगी और 31 दिसंबर 2020 की रात 23.59 बजे तक लागू रहेगी.

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इस अवधि के दौरान भारत से ब्रिटेन जाने वाली फ्लाइट्स भी अस्थायी तौर पर रद्द रहेंगी. आगे कहा कि एहतियात के तौर पर ब्रिटेन से भारत आने वाली सभी उड़ानों (22 दिसंबर रात 23.59 बजे से पहले उड़ान भरने वाली या भारत पहुंचने वाली) के यात्रियों को भारतीय एयरपोर्ट पर पहुंचने पर अनिवार्य रूप से RT-PCR टेस्ट कराना होगा.

इसके पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के नए स्ट्रेन पर यह मांग की है कि इंग्लैंड से भारत आने वाली हर फ्लाइट पर तुरंत रोक लगाई जाए. उन्होंने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि यूके में नए तरह का कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने में पहले से ज्यादा खतरनाक है. इसलिए केंद्र सरकार से आग्रह है कि वहां से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगाई जाए.

इस बीच यह सवाल भी उठने लगे हैं कि कहीं वायरस की बदली हुई स्ट्रेन पर कोरोना की वैक्सीन कम इफेक्टिव तो नहीं होगी? इस मुद्दे पर विश्व भर के वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं.

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