मनुष्य शरीर(Human Body) विभिन्न रसायनों से बना हुआ है या यूं कहें कि इंसान का शरीर और कुछ नहीं बस रासायनिक तत्वों(Chemical Elements ) का एक ढांचा है. आप बस ये समझ लीजिए कि इंसानी शरीर को सर्वाइव करने के लिए हर दिन लाखों-करोड़ों रासायनिक क्रियाएं निरंतर करता रहना पड़ता है. वैज्ञानिक इन क्रियाओं को सामूहिक रूप से मेटाबोलिज्म कहते है.
वैसे तो कोई भी जीव कई क्रियाएं करता हैं लेकिन मुख्य रूप से वो 7 क्रियाएं करता हैं. ये सात क्रियाएं किसी भी जीव के अस्तित्व को बनाये रखने में निर्णायक भूमिका निभाती है. पहली क्रिया है संवेदनशीलता. पांच ज्ञानेन्द्रियों के जरिये ये संवेदनशीलता की प्रक्रिया पूरी होती है. छूकर, देखकर, सूंघकर, सुनकर, स्वाद लेकर मनुष्य के शरीर में कई रासायनिक क्रियाओं का जन्म होता है और शरीर अपने आपको नई परिस्थिति के अनुकूल ढालता है.
अब बात करते हैं कि दूसरी क्रिया की जो पोषण के नाम से जाना जाता है. इस क्रिया शरीर भोजन के द्वारा एनर्जी प्राप्त करता है जिसे वो अन्य क्रियाओं और शरीर संचालन में खर्ज करता है. तीसरी क्रिया है श्वसन की. इस क्रिया से प्राप्त ऑक्सीजन की विभिन्न पोषक तत्वों से क्रिया करवाई जाती है और एनर्जी हासिल की जाती है.
चौथी क्रिया है उत्सर्जन की जिसमें शरीर से दूषित एवं अनचाहे पदार्थों को बाहर निकाला जाता है. पांचवी क्रिया है विकास की. इस प्रक्रिया में विभिन्न रासायनिक क्रियाओं द्वारा प्रोटीन एवं अन्य पदार्थों को संश्लेषित किया जाता है यानी एक रासायनिक क्रिया के द्वारा सरल संरचना वाले पदार्थों का संयोग कराकर अधिक जटिल संरचना वाले यौगिक का निर्माण किया जाता है जो शरीर के विकास और मरम्मत की जरूरतों को पूरा करता है.
छठी क्रिया है संचलन की जिसमे शरीर के अंदर विभिन्न पदार्थों को शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुँचाया जाता है या पूरे शरीर को एक्टिव बनाये रखा जाता है. अंतिम क्रिया है प्रजनन की जिसमें प्राणी नए शरीर को जन्म देता है. इन सातों क्रियाओं के पीछे लाखों-करोड़ों रासायनिक क्रियाएं शामिल होती हैं. ये क्रियाएं बड़ी तीव्र गति से होती हैं और क्षण भर में कई लाखों की संख्या में घट-बढ़ जाती हैं.
इतनी तीव्र गति से होने वाली इन क्रियाओं की बारीकियों को समझ पाना कोई आसान काम नहीं, बल्कि असंभव सा है. अगर बात इंसानी शरीर की करें तो इसका करीब 99 फीसदी हिस्सा केवल 6 तत्वों से बना होता है. ऑक्सीजन, कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कैल्शियम और फॉस्फोरस.बाकी एक प्रतिशत में करीब 60 तत्व होते हैं, जैसे सोडियम, सल्फर मैग्नीशियम इत्यादि.
ये साधारणतः पोषक तत्व हैं जो हड्डियों और नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करते हैं और शरीर में होने वाली रासायनिक क्रियाओं में मुख्य भूमिका निभाते हैं. इनमे से कई तत्व अत्यंत सूक्ष्म मात्रा में होते हैं जिनके बारे में अब तक हमारे वैज्ञानिकों के पास भी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है.
ऐसे में मानव समुदाय को बचाये रखने के लिए वैज्ञानिक रसायनों की पहचान करते हैं कि कौन-सा हानिकारक रसायन है और कौन लाभदायक. मान लीजिए कि यदि हानिकारक रसायन मानव शरीर के अंदर चला गया तो इस स्थिति में वो हार्मोन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे शारीरिक विकास, मेटाबोलिज्म, प्रजनन, प्रतिरक्षा क्षमता पर विपरीत असर पड़ता है.
पर्यावरण या फिर दैनिक जीवन से जुड़े उत्पादों के जरिये हर दिन हमारा संपर्क ऐसे रसायनों से होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं. इस तरह के रसायन उपभोक्ता उत्पादों से लेकर कीटनाशकों, सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं, बिजली की फिटिंग से जुड़े सामान, प्लास्टिक उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत विभिन्न चीजों में पाये जाते हैं. इसलिए हमें किसी भी चीज को कंजूम करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिये. बेहतर तो यही होगा कि देश में बेहतर रिसर्च संस्थान खोले जाये जो ऐसे रसायनों की पहचान करता रहें और आम जन के भलाई के लिए उसे सही समय पर सूचना करके जागरूक करें.
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