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"सृष्टि देखना सामने बैठा हुआ पृथ्वी तुम्हें कब से देखे जा रहा है" ऑफिस के कैंटीन में बैठकर चाय की चुस्की लेते हुए सृष्टि की सहेली कल्पना बोली..!! "अरे यार कल्पना छोड़ो ना इसका तो रोज का काम है." जब भी मैं टी ब्रेक में चाय पीने के लिए कैंटीन आती हूं तब मुझे यह सामने घूरता हुआ ही मिलता है, गुस्से में सृष्टि बोल पड़ी.

"नहीं यार सृष्टि मुझे लगता है वह तुझे चाहने लगा है वह तुम तुमसे प्यार करता है पर बता नहीं पाता." लेकिन कल्पना तुम तो मेरे अतीत के बारे में सब जानती हो ना! शादी के अभी सिर्फ 6 महीने हुए थे और मेरा पति इस दुनिया को छोड़ कर चला गया...उसके बाद से मैं अपने आप को व्यस्त रखने के लिए मैं यह जॉब करने लगी जिससे कि मायके वाले पर भी बोझ ना बन सकूं और ससुराल वाले पर भी बोझ ना बन जाऊ.

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" पर सृष्टि जिंदगी बहुत लंबी होती है और सिर्फ किसी की यादों के सहारे जिंदगी नहीं काटी जा सकती" बोलते हुए कल्पना उसे गले से लगा लिया और सच बताऊं तो पृथ्वी ने मुझसे तेरे लिए बात किया था पहले पर मैंने उसको नहीं बताया कि तू एक विधवा है या फिर तेरी शादी पहले हो चुकी है. सृष्टि सिर्फ एक दोस्त के रिश्ते से मैं तुम्हें समझा रही हूं. पृथ्वी एक बहुत अच्छा लड़का है तुझे बहुत खुश रखेगा!!

"पर कल्पना तुम एक बात सोची हो! जब पृथ्वी को सच्चाई का पता लगेगा तो उसे कितनी तकलीफ होगी? और मुझे नहीं लगता किसी भी रिश्ते की बुनियाद अतीत को छुपाकर या झूठ बोलकर रखनी चाहिए. "हां तो फिर इसमें प्रॉब्लम क्या है? हम कल ही इसी टाइम कैंटीन में ही उसको सारा सच बता देंगे कल्पना हंस कर बोली.

रोज की तरह दूसरे दिन भी सारे लोग ऑफिस कैंटीन में चाय पी रहे थे पर कल्पना जानबूझकर सृष्टि को लेकर पृथ्वी के पास चाय पीने बैठ गई. पृथ्वी पर बेचारा कुछ बोलने में शर्म आ रहा था, चुपचाप गर्दन झुकाए बैठा हुआ था इतने में कल्पना बोलने लग गई!!

"पृथ्वी देखो" आज ही मौका है अपने दिल की बात कह दो क्या तुम सृष्टि को पसंद करते हो?

पृथ्वी शर्माते हुए बोला" हां बहुत ज्यादा"

"पर पृथ्वी क्या तुम्हें सृष्टि के अतीत के बारे में पता है? कल्पना बोली, हां मुझे पता है और मैं सब कुछ जानता हूं...पर मुझे नहीं लगता कि एक इंसान के चले जाने से जिंदगी खत्म हो जाती है, और इन्हें भी अपनी जिंदगी की शुरुआत दोबारा करनी चाहिए, पृथ्वी ने कहा!!

"इतना आसान नहीं है पृथ्वी" तुम्हारे घरवाले क्या एक विधवा से तुम्हारी शादी करवाने के लिए तैयार हो जाएंगे? सृष्टि बोली.

"सृष्टि यह सब तो मेरे ऊपर छोड़ दो, तुम बस इतना बताओ...क्या तुम मुझे जीवन भर झेलना चाहोगी? सृष्टि हां में सर हिला दी...पृथ्वी को तो मानो जैसे दुनिया की सारी खुशियां मिल गई हो!

रात को खाना खाने के बाद पृथ्वी अपने घर पर मम्मी पापा के साथ बैठा था मन ही मन सोच रहा था यही टाइम है इन दोनों से बात करने की!!

"मां पापा मुझे आप दोनों से एक बात करनी है" पृथ्वी बोला. "हां हां बेटा बोलो ना" मा पापा दोनों बीच में ही बोल पड़े. मां मैंने अपने लिए एक लड़की देखी है बहुत ही समझदार और संस्कारी है और अच्छे घर परिवार की भी है पर एक समस्या है...उसकी शादी पहले कहीं हुई थी और 6 महीने में ही विधवा हो गई!

"बेटा अगर तुम एक विधवा लड़की से शादी करोगे तो मैं आत्महत्या कर लूंगी" इतने सालों बाद तो तुम्हें कोई लड़की पसंद आई है जब भी मैं और तुम्हारे पापा शादी की बात करते हर बार मना कर देता था.... और जब पसंद भी आई तो एक विधवा लड़की?

"अरे मां किसने कह दिया कि विधवा लड़कियां बुरी होती हैं अगर उनकी शादी के बाद उनके पति के साथ कुछ हो गया तो इसमें उनकी क्या गलती है? "पृथ्वी मैं कुछ नहीं जानती ,तुम नए जमाने के हो तुम्हारे लिए यह सब बोलना बहुत आसान है...पर हमारा घर परिवार समाज इन विधवा लड़कियों से एक कुंवारा लड़का की शादी करवाना सही नहीं मानते...!

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